आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में सोमवार को बायरन बिस्वास शामिल हो गए। वह राज्य में कांग्रेस के एकमात्र विधायक थे। पूर्व कांग्रेस नेता के पार्टी में शामिल होने के बाद, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बिस्वास पार्टी में शामिल हुए, क्योंकि उन्हें लगा कि केवल टीएमसी ही राज्य में भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ सकती है।
बायरन बिस्वास ने हाल ही में सागरदिघी सीट से एक टीएमसी उम्मीदवार के खिलाफ महत्वपूर्ण अंतर से जीत हासिल की थी। विपक्षी एकता की पहल के बीच राज्य में यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। भाजपा को घरने के लिए लगातार विपक्षी दल एकजुट होने की बात कह रहे हैं। हालांकि, टीएमसी का यह कदम कांग्रेस को नागवार गुजरेगा। यह पहला मौका नहीं है जब पार्टी का कोई नेता टीएमसी में शामिल हुआ है।
इससे पहले भी टीएमसी कांग्रेस के कई नेता को तोड़ चुकी है। सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव के नतीजे पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि इसी मुर्शिदाबाद में तृणमुल ने पुलिस की मदद से लोगों पर अत्याचार कर, उन्हें लालच देकर कितनी बार कांग्रेस को हराया है। तब मैंने कहा था कि कांग्रेस हारने वाली नहीं है और आज ये सिद्ध हो गया कि कांग्रेस हारने वाली नहीं हराने वाली पार्टी है।
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सागरदिघी में हार के बाद ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने सागरदिघी विधानसभा चुनाव में अपने वोट कांग्रेस को ट्रांसफर किए हैं। उन्होंने कांग्रेस, माकपा और भाजपा के बीच अनैतिक गठबंधन का आरोप लगा दिया था। बायरन विश्वास ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रत्याशी को 22,980 मतों से पराजित किया था। पश्चिम बंगाल में साल 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाम मोर्चा का खाता भी नहीं खुल पाया था। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ था।