आरयू संवाददाता, पीजीआइ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के ऑपरेशन थियेटर में आज आग लगने से एक दर्दनाक हादसा हो गया। अग्निकांड में ऑपरेशन के दौरान एक युवती समेत मासूम की दर्दनाक मौत हो गयी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड व पुलिस की टीम ने ओटी कॉम्प्लेक्स में फंसे मरीजों व बड़ी संख्या में तीमारदारों को बाहर निकालते हुए करीब दो घंटों की मशक्कत से आग पर काबू पाया, पुलिस अगर तेजी नहीं दिखाती तो अग्निकांड और ज्यादा भयावाह होता।
वहीं अग्निकांड के पीछे पीजीआइ प्रशासन की लापरवाही की बात सामने आ रही है। आज जहां आग लगी न तो उस बिल्डिंग को फायर एनओसी मिली थी और न ही उसमें आग से निपटने के पर्याप्त इंतेजाम थे। अग्निकांड को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी संज्ञान लेते हुए जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जिंदगी की आस में आए, क्या पता था मौत मिलेगी
दूसरी ओर अग्निकांड के बाद मृतकों के परिजनों में रोना-पीटना मचा था। युवती व मासूम के रोते-कलपते घरवालों का कहना था कि वह लखनऊ पीजीआइ अपनों की जिंदगी बचाने के लिए आए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि अस्पताल में उन्हें जीवन की जगह मौत दे दी जाएगी।
ऑपरेशन व मरीजों को छोड़ भागे डॉक्टर-स्टााफ
प्रत्यक्षदर्शियों का यह भी आरोप था कि इंडोक्राइन सर्जरी की ओटी पीलीभीत निवासी युवती तैय्यबा का ऑपरेशन चल रहा था तभी वहां लगे मॉनीटर में धमाके बाद आग लग गयी। जबकि बगल स्थित सीवीटीएस की ओटी में भी सोनभद्र निवासी नेहा के बच्चे के दिल का ऑपरेशन चल रहा था। आग की लपटे व धुंआ देख पीजीआइ के डॉक्टर व स्टाफ ऑपरेशन बीच में ही रोकने के साथ ही दोनों को अंदर छोड़ भाग निकले। ऐसे में युवती की जहां बुरी तरह झुलसने से, जबकि मासूम की धुआं से दम घुटने के चलते मौत हो गयी।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पीजीआइ पुलिस ने हादसे में जान गंवाने वाले गाजीपुर निवासी करीब एक महीने के बच्चे व पीलीभीत निवासी 27 वर्षीय युवती के शव को कब्जे लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पीएम रिपोर्ट आने पर मौत की वजह पूरी तरह साफ स्पष्ट हो पाएगी।
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एसजीपीजीआइ के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने मीडिया को बताया कि ओटी में रखे मॉनीटर में सबसे पहले स्पार्क से आग लगी थी। जांच के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
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वहीं एफएसओ मामचंद के अनुसार आग लगने के बाद युवती को जब तक ओटी से निकाला जाता तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बगल में सीवीटीएस ओटी में भी एक नवजात की दिल की सर्जरी चल रही थी। धुंआ भरने से उसकी भी दम घुटने से मौत हो गयी।