आरयू वेब टीम। हमारे संतों और हमारे शास्त्रों ने हमें सिखाया है कि किसी भी समाज का निर्माण, समाज की हर पीढ़ी में निरंतर चरित्र निर्माण से होता है। उसकी सभ्यता, परंपरा, उसके आचार-विचार-व्यवहार एक प्रकार से हमारी सांस्कृतिक विरासत की संवृद्धि से होता है। युवा शिविर की तारीफ करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि मेरे युवा साथी जब इस शिविर से जाएंगे तो वो अपने भीतर एक नई ऊर्जा महसूस करेंगे, एक नई स्वष्टता और नव चेतना का संचार अनुभव करेंगे।
उक्त बातें गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के वडोदरा स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर द्वारा आयोजित युवा शिविर को संबोधित कर कही। साथ ही कहा कि मैं आप सभी को इस नव आरंभ, नव प्रस्थान, नव संकल्प के लिए बहुत-बहुत शुभमानाएं देता हूं। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने युवाओं के भविष्य से लेकर देश से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा कीं।
पीएम मोदी ने युवाओं को संस्कार के छह मतलब बताए हुए कहा कि हमारे लिए संस्कार का अर्थ है- शिक्षा, सेवा, संवेदनशीलता, समर्पण, संकल्प और सामर्थ्य! हम अपना उत्थान करें, लेकिन हमारा उत्थान दूसरों के कल्याण का भी माध्यम बने! हम सफलता के शिखरों को छूएं, लेकिन हमारी सफलता सबकी सेवा का भी जरिया बने।
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मोदी ने कहा कि हम पूरी मानवता को योग का रास्ता दिखा रहे हैं, आयुर्वेद की ताकत से परिचित करवा रहे हैं। हम सॉफ्टवेयर से लेकर स्पेस तक, एक नए भविष्य के लिए तत्पर देश के रूप में उभर रहे हैं। आज देश में सरकार के कामकाज का तरीका बदला है, समाज की सोच बदली है और सबसे खुशी की बात है कि जन भागीदारी बढ़ी है। जो लक्ष्य भारत के लिए असंभव माने जाते थे, आज दुनिया भी देख रही है कि भारत ऐसे क्षेत्रों में कितना बेहतर कर रहा है।