आरयू इंटरनेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच दिन के विदेश दौरे पर, रोम में होने वाले 16वें जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने इटली पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने शनिवार को ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। आधा घंटे से अधिक समय तक चली इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में शामिल होने के लिए वहां से रवाना हो गए। माना जा रहा है कि दोनों के बीच कोविड-19 जैसे मामलों को लेकर बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 29 से 31 अक्तूबर तक रोम, इटली और वेटिकन सिटी के दौरे पर हैं।
इटली पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया गया, जिसके बाद पीएम मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी से मुलाकात की। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इससे पहले बताया कि वेटिकन ने इस वार्ता के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया है। मेरा मानना है कि पंरपरा है कि जब पोप फ्रांसिस से चर्चा होती है तो कोई एजेंडा नहीं होता और हम इसका सम्मान करते हैं। मैं आश्वस्त हूं कि इस दौरान आम तौर पर वैश्विक परिदृश्य और उन मुद्दों को लेकर जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है चर्चा में शामिल होंगे।
यह भी पढ़ें- देश को संबोधित कर PM मोदी ने कोरोना पर चेताया, कहा कवच कितना भी हों मजबूत, युद्ध चल रहा तो नहीं डालते हथियार
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा गोवा में विधानसभा चुनाव से पहले काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि गोवा में ईसाई समुदाय एक महत्वपूर्ण समर्थन आधार बनाता है। पार्टी नेताओं ने कहा कि राज्य में भाजपा के लिए समुदाय का वोट महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके समर्थन के बिना सरकार बनाना मुश्किल है। दूसरी तरफ केरल में भी रोमन कैथोलिक चर्च का खासा प्रभाव है। ईसाई और मुसलमान राज्य की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। पोप फ्रांसिस के साथ पीएम मोदी की मुलाकात का भाजपा को अन्य राज्यों में भी फायदा मिल सकता है।