आरयू ब्यूरो, वाराणसी। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को लेकर कमी होती नहीं दिख रही है। वहीं न्याय न मिलने की स्थिति में पीड़िताएं गंभीर कदम उठा रहीं हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला सोमवार को वाराणसी में भी सामने आया है। जहां न्याय न मिलने से परेशान नाबालिग गैंगरेप पीड़िता ने अपने माता-पिता के साथ एसएसपी ऑफिस के बाहर विषाक्त पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की।
जिसके बाद पीड़िता और उसके माता-पिता को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां तीनों की गंभीर स्थिति को देखते हुए बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया है। नाबालिग किशोरी ने वाराणसी कैंट स्टेशन पर तैनात टीसी समेत तीन लोगों पर फिल्म में काम दिलाने के बहाने मुंबई ले जाकर गैंगरेप करने और बेचने का आरोप लगाया था।
जानकारी के अनुसार पीड़िता ने करीब एक महीने पहले गैंगरेप और अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था, लेकिन परिवार पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं था और इसी के चलते यह कदम उठाया गया।
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वहीं एसएसपी वाराणसी प्रभाकर चौधरी ने दावा किया है कि मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। दो आरोपित गिरफ्तार भी किए गए हैं, जबकि एक अन्य के खिलाफ एनबीडब्लू के लिए आवेदन किया गया है। इतना ही नहीं पीड़िता का 164 के तहत कलमबंद बयान भी दर्ज करवाया गया है, पुलिस ने 376 धारा और बढ़ाई है, फिर विवेचना में धांधली का आरोप कैसे लग सकता है। मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए किसी के बहकावे में परिवार ने जहर खाया है। इसकी भी तफ्तीश की जाएगी। फिलहाल सभी को अच्छा इलाज दिलाने की कोशिश की जा रही है।
ये है पूरा मामला
बता दें कि पीड़िता कुछ दिनों पहले अचानक घर से गायब हो गई थी, जिसके बाद परिजन ने अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। इस बीच अचानक पीड़िता लौट आई और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि कैंट रेलवे स्टेशन पर तैनात सीनियर टीसी जमीर आलम, उत्कर्ष तिवारी और विशाल मौर्या फिल्म में काम दिलाने के बहाने उसे मुंबई ले गए। वहां उसे एक होटल ठहराया गया, जहां पहले से पांच लड़कियां और थीं। आरोप है कि सभी को नशे की दवा देकर दुराचार किया गया। वहां मौजूद एक महिला ने बताया कि सभी लड़कियों को देह व्यापार के लिए बेचा गया है।
बहन से गैंगरेप के बाद भाई की संदिग्ध हाल में हो चुकी है मौत
परिवारवालों का आरोप है कि नवंबर में किशोरी के लापता होते ही परिवारवालों ने उत्कर्ष तिवारी और विशाल मौर्या के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज कराने के अगले ही दिन किशोरी के भाई की लाश गंगा किनारे मिली। पुलिस ने इसे हादसा करार देते हुए कहा था कि नहाते समय डूबने से मौत हुई। परिवारवालों ने इसे हत्या कहा, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। परिजन अधिकारियों से भी मिले और लाश की फ़ोटो दिखाते हुए कहा कि कोई जीन्स पैंट घड़ी पहनकर क्यों नहायेगा। परिजनों का इशारा अपहरण के आरोपियों की ओर था।