आरयू ब्यूरो, लखनऊ। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने सोमवार को कृष्णानगर स्थित साक्षारता निकेतन में माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता के लिए पांच दिवसीय संदर्भदाता शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
ट्रेनिंग भी सेवा का जरूरी हिस्सा
इस अवसर पर आराधना शुक्ला ने अपने छात्र जीवन का अनुभव साझा करते हुए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की गुणवत्ता के बारे में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से छात्रों की बेस लाइन तैयार कर छात्रों को शिक्षा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी द्वारा विकसित पाठ्यक्रम एवं पुस्तकों की महत्ता को पहचानते हुए इस तरह सेे बच्चों को शिक्षण दिया जाए कि बच्चों को पाठ्यक्रम को समझने में किसी प्रकार की कोई हिचक न हो। ट्रेनिंग भी सेवा का जरूरी हिस्सा है।
…अभिभावकों के अनुसार आदर्श विद्यालय में क्या-क्या विशेषताएं होनी चाहिए
अराधना शुक्ला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी सत्र से शिक्षकों के नियमित प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना विकसित की जाएगी। साथ ही राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास विकसित करने के संबंध में विचार किया जा रहा है। एनसीईआरटी के निदेशक से अनुरोध किया कि वह एक रिपोर्ट तैयार करें कि अभिभावकों के अनुसार एक आदर्श विद्यालय में क्या-क्या विशेषताएं होनी चाहिए।
व्यक्तित्व के साथ कौशल का भी हो सके विकास: डॉ. हृषिकेश
इस मौक पर दिल्ली से आए एनसीईआरटी के निदेशक कार्यक्रम डॉ. हृषिकेश सेनापति ने कहा कि गतिविधि आधारित शिक्षण को ध्यान में रखते हुए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, ताकि बच्चों के मन में बैठे डर को दूर कर उनके व्यक्तित्व के साथ कौशल का विकास भी हो सके।
शिक्षा के प्रति बच्चों को करना होगा संवेदनशील
उन्होंने प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों से छात्रों के शिक्षण का स्तर ऊंचा करने के लिए आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को शिक्षा के प्रति संवेदनशील करना होगा, जिससे वह खुद पढ़ाई के लिए आकृष्ट हों। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का भी ज्यादा से ज्यादा उपयोग होना चाहिए।
140 शिक्षक कर रहें मास्टर ट्रेनिंग
कार्यक्रम के बारे में प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा ने बताया कि विभाग द्वारा साक्षरता निकेतन में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के विज्ञान विषय के लगभग 140 शिक्षक मास्टर ट्रेनिंग कर रहें हैं। इन्हें एनसीईआरटी, नई दिल्ली के दस प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
हर विषय के शिक्षक को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा
प्रदेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा के ध्यान में रखते हुए माध्यमिक शिक्षा में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया है। नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षकों की दक्षता संवर्द्धन के लिए प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक हो गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की शैक्षिक गुणवत्ता सम्वर्द्धन के लिए यह निर्णय लिया गया है कि हर विषय के शिक्षक को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षित किया जाय।
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प्रथम चरण में प्रत्येक जनपद से दो-दो विज्ञान अध्यापकों को संदर्भदाता के रूप में प्रशिक्षित किये जाने के लिए साक्षरता निकेतन में आज से 14 फरवरी तक एनसीईआरटी, नई दिल्ली के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के सामान्य जीवन में विज्ञान विषय के प्रति अभिरूचि उत्पन्न हो तथा छात्रों में प्रतिस्पर्धा कौशल भी बढ़ेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षित संदर्भदाता अपने जनपद के शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। एनसीईआरटी द्वारा तैयार प्रशिक्षण माड्यूल प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को उपलब्ध कराया जायेगा। विज्ञान को रोचक ढंग से पढ़ाया जा सके, इसके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान “आओ करके सीखे” की क्रिया विधि को भी अपनाया जाएगा। इससे शैक्षिक गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी।
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प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) विनय कुमार पाण्डेय, प्रो. रंजना अरोड़ा, संयोजक, एनसीईआरटी, मधु जोशी, निदेशक, साक्षरता निकेतन सहित माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी एवं शिक्षक उपस्थित थे।