आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने गुरुवार चारबाग स्थित बाल संग्रहालय में “लखनऊ पुस्तक मेला-2021” का उद्घाटन किया। ‘आत्मनिर्भर भारत’ की थीम पर आधारित लखनऊ पुस्तक मेला पांच मार्च से 14 मार्च तक चलेगा। इस अवसर पर दिनेश शर्मा ने कहा कि पुस्तकों की महत्ता कभी नहीं खत्म होने वाली। इंटरनेट संचालित माध्यमों के वर्तमान दौर में जानकारी बहुत जल्द मिल जाती है, लेकिन ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताबें ही प्रामाणिक माध्यम आज भी हैं।
उन्होंने कहा कि पुस्तक मेले में बड़ी संख्या में लोगों को खासतौर पर युवा वर्ग को देखकर गर्व की अनुभूति होती है। वर्तमान में आधुनिक एवं परंपरागत शिक्षण व्यवस्था में अच्छी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। भौतिक रूप से पुस्तकों को पढ़ाने से ज्यादा अभिरुचि होती है। ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम की दिशा में हम काफी आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन इस क्षेत्र में अभी भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा।
किताबें पढ़ने से होती है सोचने की क्षमता विकसित
साथ ही डिप्टी सीएम ने कहा, वर्तमान चुनौतियों के दौर में भी पुस्तकें अपना महत्व बनाए रखेंगी और उनकी लोकप्रियता भी बनी रहेंगी। पुस्तकें विश्वास एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती हैं तथा पठन-पाठन की प्यास बुझाती हैं। पुस्तकें ऐतिहासिकता का तारतम्य स्थापित करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं। किताबें पढ़ने से हमें इत्मीनान मिलता है, सोचने और विचारण की क्षमता विकसित होती है जिससे निर्णय लेने में आसानी होती है।
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बताते चलें कि लखनऊ पुस्तक मेला पूर्वान्ह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलेगा। मेले में कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगेगा, हांलाकि कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए बिना मास्क के पुस्तक प्रेमियों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा। निःशुल्क प्रवेश वाले इस मेले में सभी तरह की किताबों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत छूट मिलेगी।
इन प्रकाशकों की मिलेंगी किताबें
मेले में नेशनल बुक ट्रस्ट, राजकमल, लोकभारती, वाणी प्रकाशन, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, प्रकाशन विभाग, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, सिंधी भाषा राष्ट्रीय परिषद, उर्दू भाषा राष्ट्रीय परिषद, चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट, श्रीरामकृष्ण मिशन, तर्कसंगत विचार कैफे, ओसवाल पब्लिशर्स, सुल्तान चंद, प्रकाशन संस्थान के साथ कई अन्य प्रकाशक और वितरक पुस्तक मेले में भाग ले रहे हैं। स्थानीय लेखकों की अपनी पुस्तकों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए अलग से मुफ्त स्टाल लगाया गया है।
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मेले में ओसवाल पब्लिशर्स, सुल्तान चंद, प्रकाशन संस्थान, राजकमल, लोकभारती, नेशनल बुक ट्रस्ट, वाणी प्रकाशन, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, प्रकाशन विभाग, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, सिंधी भाषा राष्ट्रीय परिषद, उर्दू भाषा राष्ट्रीय परिषद, चॉल्टन बुक ट्रस्ट, श्रीरामकृष्ण मिशन, तर्कसंगत विचार कैफे आदि अनेक प्रकाशनों के साहित्यिक, शैक्षिक, प्रतियोगी परीक्षाओं के संग विविध विषयों की किताबों के लगभग सौ स्टाल हैं। मेले को आकाशवाणी, लखनऊ स्मार्ट सिटी, मिशन गंगा, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट, नगर निगम का सहयोग भी मिल रहा है।