आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने संघ द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर की हालिया बयानबाजी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे स्वास्थ लोकतंत्र के लिए घातक करार दिया है। साथ ही इसे तुरंत रोके जाने की बात कही है।
रविवार को राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने अपने एक बयान में मीडिया से कहा कि संघ सुप्रीम कोर्ट को डराने-धमकाने का काम कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा उसे हर व्यक्ति व संगठन को मानना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि संघ चुनाव से पहले सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहता है। जिससे कि चुनाव में इसका फायदा बीजेपी को मिल सके। डॉ. दीक्षित ने आगे कहा कि चुनाव से पहले व त्योहारों के समय भड़काऊ बयान देकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, जिससे अब यूपी में शांतिभंग की प्रबल संभावना है।
यह भी पढ़ें- अयोध्या मामले में सुनवाई अगले साल जनवरी तक के लिए टली
राम मंदिर निर्माण पर आ रहे भड़काऊ बयानों पर रमेश दीक्षित ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले या बाद कोई भी ऐसी कोशिश देश विरोधी और गैर संवैधानिक होगी। उन्होंने सभी पक्षों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किये जाने की बात भी कही।
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी व्यक्ति या संगठन को चाहे वो कितना भी ताकतवर क्यों न हो देश की सर्वोच्च न्यायपालिका को धमकाने या चुनौती देने का कोई हक नहीं है। यह देश संविधान से चलेगा किसी भी संगठन की मनमर्जी से नहीं।
सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा उसे मानने के लिए देश का हर नागरिक और संगठन बाध्य होगा। साथ ही इस देश में कानून का राज रहेगा और संविधान की मर्यादा की रक्षा करना सरकारों का दायित्व है। जो भी व्यक्ति या संगठन सुप्रीम कोर्ट धमकाने का काम कर रहे है, यह केंद्र सरकार का दायित्व है कि ऐसे संगठनों और व्यक्ति पर कार्रवाई करे।
बताते चलें कि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में है। जिसकी सुनवाई अब अगले साल जनवरी में होनी है। वहीं देश की सबसे बड़ी अदालत से फैसला आने से पहले ही संघ व संत समाज के साथ ही भाजपा के कुछ नेता मंदिर निर्माण करने की बात कर रहें हैं।