आरयू वेब टीम। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से चल रहे हालातों को लेकर रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका ने कहा कि इससे ज्यादा राजनीतिक और एंटी-नेशनल क्या हो सकता है कि आप राष्ट्रवाद के नाम पर कश्मीर के लोगों की आवाज को दबा रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर पर खुद राजनीति कर रही है, लेकिन इसका आरोप विपक्ष पर लगा रहे हैं। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट कर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर कब तक ऐसा चलते रहेगा? कश्मीर में राष्ट्रवाद के नाम पर लाखों लोगों की आवाज शांत की जा रही है।
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प्रियंका गांधी ने एक ट्विटर यूजर का ट्वीट री-ट्वीट करते हुए कहा कि यूजर ने अपने ट्विटर पर एक ऐसा वीडियो शेयर किया, जिसमें एक महिला फ्लाइट में राहुल गांधी से रो-रोकर कश्मीर में मौजूदा हालात के बारे में बता रही है।
बता दें कि शनिवार को राहुल गांधी अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में हालात का जायजा लेने और स्थानीय लोगों से मिलने जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने राहुल समेत सभी 12 नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस भेज दिया गया।
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है, जिसमें वह श्रीनगर एयरपोर्ट पर अधिकारियों से पूछ रहे हैं कि आखिर वह जम्मू-कश्मीर के लोगों से क्यों नहीं मिल सकते। इस वीडियो में राहुल गांधी ने अधिकारियों से पूछा कि अगर जम्मू-कश्मीर में हालात समान्य हैं तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है। वह अधिकारियों से यह भी कह रहे हैं कि हम यहां राज्यपाल के बुलावे पर आए हैं। हमारा मकसद सिर्फ अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यहां के लोग से मिलकर हाल जानने भर का है। अगर आप चाहें तो हमें उन इलाकों में ही जाने की अनुमति दे दी जाए जहां हालात समान्य हैं।
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जिसके बाद दिल्ली वापस लौटने पर राहुल ने कहा था कि राज्य प्रशासन के इस कदम ने साबित कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य नहीं है। राहुल गांधी ने कहा था कि कुछ दिन पहले, मुझे जम्मू-कश्मीर की यात्रा के लिए राज्यपाल ने आमंत्रित किया था, इसलिए मैंने उनका आमंत्रण स्वीकार किया।
राज्यपाल ने सुझाव दिया था कि सब कुछ सामान्य है और वह मुझे राज्य का दौरा करने के लिए एक विमान भेजेंगे। मैंने उनसे कहा था कि मुझे आपके विमान की आवश्यकता नहीं है, लेकिन मैं आपका निमंत्रण स्वीकार करूंगा और मैं जम्मू-कश्मीर आ जाऊंगा।