आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के दिल्ली में चले तीन दिवसीय कार्यक्रम को लेकर गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाने के साथ भाजपा पर भी हमला बोला है। पूर्व सीएम ने आज कहा है कि आरएसएस का दिल्ली में तीन दिनों तक चला बहु-प्रचारित संवाद राजनीति से प्रेरित था। यह भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार की विफलता से चुनाव के समय लोगों का ध्यान बंटाने के लिए किया गया।
मायवती ने हमला जारी रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार की विफलताओं से जनता के गुस्से से आरएसएस भी चिंतित है। उसने भाजपा की जीत के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया था। अब इन विफलताओं से ध्यान बांटने का इस तरह का प्रयास सफल होने वाला नहीं है।
वहीं मोहन भागवत के बयान पर मायावती बोलीं कि ‘अयोध्या में जन्मभूमि पर मंदिर बने और अगर मुसलमान खुद बनवाते हैं तो बरसों से उन पर उठ रही अंगुलियां झुक जाएंगी’ संबंधी आरएसएस प्रमुख के बयान से बसपा सहमत नहीं है। एक नहीं बल्कि अनेक मंदिर बन जाएं तब भी संकीर्ण संघी हिन्दु व मुसलमान के बीच रिश्ते सुधरने वाले नहीं हैं। इनकी बुनियादी मानसिकता दलित, मुस्लिम व अन्य अल्पसंख्यक विरोधी है। इसलिए पहले आरएसएस को अपनी नफरत वाली सोच को बदलना होगा।
वहीं बसपा सुप्रीमो ने अपने बयान में मोदी सरकार द्वारा लाए गए ‘तीन तलाक’ अध्यादेश को भी पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि यह लोगों का ध्यान हिंदू-मुस्लिम की तरफ भटकाने की कोशिश भर है। भाजपा इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर भी स्वार्थ की राजनीति कर रही है।
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