आरयू ब्यूरो, लखनऊ। गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जेम पोर्टल) के माध्यम से मैनपावर आउटसोर्सिंग व सामान क्रय करने के लिए प्रदेश के सभी सरकारी विभाग को शासनादेश में वर्णित प्राविधानों एवं जेम की एडिशनल टर्म एण्ड कंडीशन (एटीसी) का अनुपालन करना अनिवार्य है। जिन विभागों में निविदाओं एवं बिड्स के लिए शासनादेश का अनुपालन नहीं किया गया है, उस बिड को निरस्त किया जायेगा और संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई होगी। साथ ही संबंधित फर्मों को भी जेम पोर्टल से डिलिस्ट किया जायेगा।
यह जानकारी शनिवार को अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नवनीत सहगल ने पत्रकारों को दी। सरकारी विभागों में मैनपावर आउटसोर्सिंग व सामान खरीदने के दौरान सामने आ रही गड़बडि़यों की शिकायतों के बाद आज नवनीत सहगल ने बताया कि यूपी के सभी सरकारी विभागों में जेम पोर्टल के माध्यम से सामग्री एवं सेवाओं को क्रय किया जाना अनिवार्य है। इसके बाद भी जेम पोर्टल से प्राप्त विवरण से संज्ञान में आया कि विशेषकर जेम पोर्टल से मैनपावर आउटसोर्सिंग सेवाओं की आपूर्ति प्राप्त करने में कतिपय विभागों को कठिनाई आ रही। जिसमें जेम पोर्टल पर एक से अधिक संख्या में एल-1 आना, बिड निरस्त करने का स्पष्ट कारण न देना, एमएसई इकाइयों को ईएमडी से छूट तथा अनवाश्यक शर्तें लगाने आदि प्रमुख हैं।
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नवनीत सहगल ने कहा कि कि जेम पोर्टल पर एक से अधिक एल-1 आने पर बिडर के चयन के लिए (रन एल-1) टूल का प्रयोग करना अनिवार्य है। किसी भी दशा में बिडर का चयन मैन्युअली नहीं किया जा सकता है। किसी भी श्रेणी की इकाई को ईएमडी से शिथिलता अनुमन्य नहीं है।
उन्होंने बताया कि निविदा में सफल निविदादाता द्वारा ईपीवीजी जमा कराया जाना आवश्यक है। सेवा प्रदाता के बिड की शर्तें पूरी नहीं करने पर क्रेता द्वारा बैंक गारंटी से उसकी क्षतिपूर्ति की जायेगी।
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इसके साथ ही अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विभागों को बिड में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों की तकनीकी बिड निरस्त करने का स्पष्ट उल्लेख करना होगा। निविदा किसी ठोस कारण के बिना निरस्त नहीं की जायेगी। यदि किसी कारणवश बिड निरस्त करना आवश्यक है, तो सक्षम अधिकारी से अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक होगा।
नवनीत सहगल के अनुसार इस संबंध में यूपी के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारिेयों को पत्र भी भेजा गया है।