संत रविदास स्‍थल पर नेताओं के मत्‍था टेकने को मायावती ने बताया नाटकबाजी, अनुयायियों से कहा इनके छलावे में कतई नहीं आना

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। संत रविदास की 644वीं जयंती पर उनके जन्‍मस्‍थान वाराणसी में शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव, भाजपा के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद समेत अन्‍य नेताओं ने पहुंचकर मत्‍था टेका है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बयान जारी कर इसे नाटकबाजी करार देते हुए कहा है कि संत रविदास के मानने वालों को इससे बहुत ही सावधान रहना है तथा  इनके छलावे में कतई भी नहीं आना है।।

जयंती के मौके पर मायावती ने संत रविदास को नमन करते हुए आज कहा है कि कोरोना महामारी में गरीबी व बेरोजगारी आदि से अति-पीड़ित देश में लगभग 130 करोड़ लोगों को सरकार से सहयोग की सख्त जरूरत। इसलिए केंद्र व राज्य सरकारों का परम धर्म बनता है कि वे पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस जैसी जरूरी चीजों के दामों को कम व नियंत्रित कर जानलेवा महंगाई पर रोक लगाकर आमजन को तुरंत राहत पहुंचाएं। यही इन सरकार के लोगों की महान संतगुरू रविदास को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।

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बसपा सरकार में किए गए कामों को गिनवाते हुए आज मायावती ने अखिलेश पर भी निशाना साधा। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बीएसपी के सत्ता में आने पर भदोही के नाम को फिर से संत रविदास नगर रखा जायेगा, जिसे जातिवादी मानसिकता के तहत पिछली सपा सरकार ने बदल दिया है।

साथ ही यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि बीएसपी की स्थापना से पहले कांग्रेस, बीजेपी व अन्य विरोधी पार्टियों की सरकारों में भी दलित, आदिवासी व ओबीसी समाज में समय  पर जन्में इनके महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों की हमेशा ही उपे़क्षा की गई।

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मायावती ने कहा इनको आदर-सम्मान देना तो बहुत दूर की बात है, इनका हमेशा ही तिरस्कार किया गया, जिससे इन वर्गों के लोग हमेशा आहत रहे, लेकिन अब जबकि बीएसपी के नेतृत्व में इस समाज के लोग संगठित व जागरूक हो रहे हैं तो इनके वोट की राजनीति के स्वार्थ में कांग्रेस, बीजेपी व अन्य विरोधी पार्टियों के लोग इनके संत, गुरुओं व महापुरुषों के जन्मदिन आदि के मौके पर खासकर इनके स्थलों पर जाकर तरह-तरह की नाटकबाजी करते हुए हमेशा नजर आते हैं, जिससे इन वर्गों के लोगों को बहुत ही सावधान रहना है तथा इनके छलावे में कतई भी नहीं आना है।