आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ के हाथ आज बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर आज विभूति खंड के पॉलिटेक्निक चौराहे के पास पेपर लीक कराने के मास्टरमाइंड सैयद सादिक मूसा के साथ योगश्वर राव को भी धर दबोचा है।
मूल रूप से जौनपुर निवासी सादिक पर उत्तराखंड के डीजीपी ने दो लाख, लखनऊ के इंदिरानगर के रहने वाले योगेश्वर राव पर एक लाख का ईनाम घोषित करते हुए दोनों की गिरफ्तारी के लिए यूपी एसटीएफ से सहयोग मांगा था। तीन लाख रुपये के ईनामी सादिक व योगश्वर के पास से एसटीएफ को मात्र 28 सौ रुपये मिलें हैं। दोनों ने पेपर प्रकाशित करने वाली कंपनी के कर्मचारी से आठ लाख रुपये में पेपर खरीदने, जबकि उत्तराखंड निवासी अपने गैंग के अन्य सदस्यों को दस-दस लाख रुपये में पेपर बेचने का सौदा तय किया था।
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एसटीएफ के अफसरों के अनुसार पूछताछ में मूसा व योगश्वर ने कई राज उगले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल दिसंबर में उत्तराखंड की एसएसएससी की आयोजित होने वाली लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र इन्जीनियरिंग कालेज चौराहे पर स्थित आरएमएस सल्यूशन कंपनी द्वारा मुद्रित किया जा रहा था। जिसकी जानकारी हम लोगों को वहां के कर्मचारी कासान शेख ने देते हुए बताया कि उपरोक्त परीक्षा 04/05-12-2021 को आयोजित होगी। इस परीक्षा का पेपर मैं आप लोगों को उपलब्ध करा दूंगा, जिसके एवज में प्रत्येक व्यक्ति 08 लाख रूपये लूंगा। जिस पर हम लोगों ने यह सौदा तय कर लिया। पांच दिसंबर 2021 को दूसरी पाली में होने वाली परीक्षा का पेपर कसान ने तीन दिसंबर को ही इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के पास स्थित गौशाला के सामने हम लोगो को दे दिया था।
जिसके बाद हम लोगों ने पेपर मिलने की जानकारी उत्तराखंड के शशिकांत सिंह व केन्द्रपाल सिंह निवासी धामपुर बिजनौर को दिया तथा केन्द्रपाल को हल्द्वानी (उत्तराखण्ड) पहुंचने के लिए भी कहा था। साथ ही हम लोग भी अगले दिन अपने-अपने साधनों से से फिरोज व सम्पन्न राव के साथ हल्द्वानी पहुंचे।
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जहां बृजपाल हास्पिटल के पास एक होटल में योगश्वर राव के नाम से दो कमरे बुक किया गया। वही पर हम लोगों की मुलाकात शषिकांत व केन्द्रपाल सिंह से हुई। जिसके बाद इन दोनों से प्रति अभ्यर्थी दस-दस लाख रुपये लेने की बात तय कर उनको पेपर देकर वापस आ गये।
बाकी रकम बाद में देने का था वादा
मूसा ने एसटीएफ को बताया कि परीक्षा के बाद शषिकांत ने योगेश्वर राव को 20 लाख रूपये दिया तथा बाकी की रकम बाद में देने का वादा किया। 20 लाख रुपये में से ही कसान को भी पैसे दिए गए थे।
उल्लेखनीय है कि एसएसएससी परीक्षा बाद ही उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव था, जिस कारण आचार संहिता लागू हो गयी थी। चुनाव होने के बाद परीक्षा का परिणाम जारी हुआ था। जिसके बाद आयोग द्वारा अभ्यर्थियों की स्क्रीनिग में लगभग 100 अभ्यर्थी संदिग्ध पाये गये, जिसके आधार पर आयोग द्वारा जांच बैठा दी गयी।
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जांच के दौरान पेपर लीक की बात सामने आने के बाद थाना रायपुर (देहरादून) में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गयी तो अब तक इस मामले में दर्जनों लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। वहीं पुलिस मास्टरमाइंड मूसा व योगश्वर की सरगर्मी से तलाश कर रही थी। एसटीएफ की टीम ने आज शाम गिरफ्तारी के साथ ही दोनों को उत्तराखंड पुलिस के हवाले कर दिया। वहां की पुलिस भी अपने स्तर से दोनों से रात तक नए राज उगलवाने में लगी थी।