जानें क्‍यों गिलगित-बल्टिस्‍तान में जनता ने सड़कों पर उतरकर की पाकिस्‍तान विरोधी नारेबाजी

गिलगित-बल्टिस्‍तान

आरयू इंटनेश्‍नल डेस्‍क। 

पड़ोसी देश पाकिस्‍तान सरकार के खिलाफ एक बार फिर जनता के बगावती तेवर आज देखने को मिले। हजारों नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर पा‍क सरकार विरोधी नारेबाजी की है। आक्रोशित लोगों ने गिलगित-बल्टिस्तान में पाकिस्तान सरकार की ओर से लागू किए गए टैक्सेसन सिस्टम को अवैध बताते हुए अपना गुस्‍सा जाहिर किया है।

मीडिया में आ रही जानकारी के अनुसार स्कार्डू में पाकस्तिान सरकार की टैक्स नीति के विरोध में बड़ी संख्या में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गिलगित बल्टिस्तान के व्यापारियों का कहना है कि वे इसी जोश और नाराजगी के साथ पाकिस्तान सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध तब तक जारी रखेंगे जब तक इस फैसले को वापस नहीं ले लिया जाता है। नागरिकों ने अवैध कराधान के खिलाफ भी अपना विरोध जताया है।

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पाकिस्तान सरकार के खिलाफ यह विरोध-प्रदर्शन मुज्जफराबाद, रावलाकोट, कोटली, गिलगिट और हजिरा सहित अन्य कई स्थानों पर भी हुआ। व्‍यापारियों ने सड़कों पर उतरकर मार्च निकालने के साथ ही पाकिस्तान विरोधी नारेबाजी भी की। इतना ही नहीं पाक सरकार से इस क्षेत्र से सेना को हटाने की मांग भी की गयी है।

इससे पहले भी सुनाई दिए हैं जनता के बागी सुर

बताते चलें कि इससे पहले भी गत 22 अक्टूबर को गिलगिट बल्टिस्तान क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और ‘ब्लैक डे’ मनाया था। दरअसल, 22 अक्टूबर 1947 को ही पाकिस्तानी सेना ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर रियासत के इस हिस्से में घुसपैठ कर कब्जा कर लिया था। गिलगित बल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान से अपनी आजादी की मांग करते हैं और इसके विरोध में ही 22 अक्टूबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाते हैं।

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