आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट अब आगामी 26 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगी। सुनवाई के दौरान जज के सामने मुख्तार ने खुद को बेगुनाह बताकर कहा, “हुजूर सारे आरोप गलत हैं, मैं 2005 से जेल में हूं।”
इस संबंध में एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के वकील ने यह जानकारी दी है।
मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने बताया कि आज कोर्ट में गैंगेस्टर मामले में बहस हुई है, जिसमें मुख्तार अंसारी भी मौजूद रहे और उन्होंने भी जज से अपने बेगुनाह होने की दलील दी और गवाहों को धमकाने के आरोप को नकार दिया। मुख्तार के वकील ने बताया कि मुख्तार अंसारी इन दोनों मुकदमों के मूल केस में बरी हो चुके हैं।
उनका इस मुकदमे से कोई वास्ता नहीं है, क्योंकि मुख्तार अंसारी 2005 से अब तक जेल में बंद है और इन दोनों मुकदमे में उन्हें बाद में नामित किया गया है।
साथ ही लियाकत अली ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्तार अंसारी ने जज साहब से गुहार लगाई है कि गवाहों को धमकाने का आरोप गलत है, कभी भी किसी गवाह ने उनके खिलाफ किसी भी थाने में शिकायत नहीं दर्ज कराई है। वहीं, एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने कोर्ट में दलील दिया था कि मुख्तार के डर से गवाह टूट जाते हैं।
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नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि बीते साल 2009 में करंडा थाना क्षेत्र में कपिल देव सिंह हत्याकांड और मोहम्दाबाद थाने में मीर हसन की हत्या के प्रयास के मुकदमे के आधार पर मुख्तार अंसारी पर गैंग चार्ट बनाकर साल 2010 में गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था।
14 साल पुराने इस केस में आज बहस हुई और जज साहब ने दोनों पक्षों को सुनकर पत्रावली पर फैसले की तिथि 26 अक्टूबर अंकित कर दिया है। अब इस केस में उक्त तिथि पर फैसला आना सुनिश्चित है। दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है।