श्‍वेत पत्र जारी कर योगी ने सामने रखा पिछली सरकारों का कारनामा

श्वेत पत्र
श्वेत पत्र जारी करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव मौर्या व दिनेश शर्मा ।

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। अपने छह माह पूरा करने के ठीक एक दिन पहले आज योगी सरकार ने अपना पहला श्‍वेत पत्र जारी किया। 24 पृष्‍ठों के इस श्‍वेत पत्र में बिना नाम लिए बीते 15 सालों के कार्यकाल के दौरान पूर्व की सपा और बसपा सरकार द्वारा कराए गए कामों की खूब धज्जियां उड़ाई गई है। लोकभवन के सभागार में तमाम मंत्रियों की मौजूदगी में मुख्‍यमंत्री योगी अदित्‍यनाथ, डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या व दिनेश शर्मा ने श्‍वेत पत्र जारी किया।

वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने विरोधियों पर भी जमकर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले 12-15 वर्षों के अंदर प्रदेश की सरकारों के कारनामों की अनंत शृंखला रही है, लेकिन हमने कुछ मुख्य बिंदुओं पर ही ध्यान केंद्रित करके उन्हें श्वेतपत्र के जरिए सामने रखा है। चुनाव जीतने के बाद जनता के प्रति पार्टियों की जवाबदेही किस प्रकार बदलती है, यह श्वेतपत्र उसकी गवाही देता है। उन्होंने कहा कि सरकार की अपने गठन के शुरुआती छह माह की उपलब्धियों को सामने रखने से पहले यह श्वेतपत्र जारी किया है।

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योगी ने आगे कहा कि पिछले 19 मार्च को उनके नेतृत्व में सरकार बनने से पहले प्रदेश की क्या स्थिति थी, यह समाज के सामने रखना अत्यंत आवश्यक था। हमें छह माह पूर्व प्रदेश किस हालत में मिला, हमने इसका श्वेतपत्र जारी किया है। जनता को यह जानने का हक है, इसलिए यह श्वेतपत्र प्रकाशित किया गया है।

योगी ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) तथा ऋणग्रस्तता के बिंदुओं का जिक्र करते हुए कहा कि नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक के प्रतिवेदन के अनुसार 30 सितंबर 2016 तक उत्तर प्रदेश में कार्यरत प्रदेश के सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के अद्यतन लेखों के अनुसार कुल 17 हजार 789.91 करोड़ रुपये की हानि उठायी, वहीं वर्ष 2011-12 में यह 6489.58 ही थी।

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उन्होंने बताया कि इसके अलावा वर्ष 2011-12 में पीएसयू पर 35 हजार 952.78 करोड़ रुपये का कर्ज था जो 2015-16 में बढ़ कर 75 हजार 950. 27 करोड़ रुपये हो गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि 31 मार्च 2007 को प्रदेश सरकार पर 1,34,915 करोड़ रुपये का कर्ज था जो 31 मार्च 2017 को बढ़ कर 3,74,775 करोड रुपये हो गए इस प्रकार पिछले 10 वर्षों में प्रदेश की ऋणग्रस्तता ढाई गुना बढ़ गयी।

योगी आदित्‍यनाथ ने अखिलेश यादव  को निशाना बनाते हुए कहा पिछली सरकार में बिना काम पूरा किए लोकार्पण किए गये। उन्होंने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, गोमती रिवर फ्रंट, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, मेट्रो रेल, कैंसर इंस्टीट्यूट और एसजीपीजीआइ के ट्रामा सेंटर के नाम गिनाए। सपा सरकार पर स्वच्छ भारत मिशन की अनदेखी का भी आरोप मढ़ा

सरकार ने 24 पन्नों के इस श्वेत पत्र में वर्ष 2003 से मार्च 2017 के बीच रही सपा-बसपा सरकारों के कार्यकाल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में आयी गिरावटों का जिक्र किया है। इनमें कानून खनन, पर्यटन एवं संस्कृति, आवास एवं शहरी नियोजन, आबकारी, स्मारकों के निर्माण, प्रदेश की वित्तीय स्थिति, व्यवस्था, कृषि, लोक निर्माण, चीनी मिल, खाद्य एवं रसद, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा संचालित परीक्षाएं, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, शिक्षा, बिजली समेत 25 बिंदु शामिल हैं।

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