अफजाल अंसारी ने कहा सपा मुखिया ने रैली में शामिल होकर RSS के एजेंडे को किया नाकाम

अफजाल अंसारी
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। 

सपा-बसपा के गाजीपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने मंगलवार को आरएसएस और भाजपा पर जमकर हमला बोला। अफजाल ने कहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके पक्ष में चुनाव प्रचार करके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडा को नाकाम कर दिया है। अफजाल ने कहा कि संघ के एजेंडा के तहत भाजपा और मीडिया के एक वर्ग ने साजिशन यह बात फैलायी कि अखिलेश उनके पक्ष में प्रचार करने नहीं जाएंगे। मगर सपा अध्यक्ष ने रैली करके इस नापाक एजेंडा को नाकाम कर दिया है।

लोकतंत्र पर खतरे को देख दोनों का मिलना हो गया जरूरी

मीडिया से बात करते हुए वर्ष 2004 में गाजीपुर से ही सपा के टिकट पर सांसद चुने जा चुके अफजाल ने कहा कि सपा और बसपा का गठबंधन स्वाभाविक है। दोनों पार्टियों के नेतृत्व ने जरूरत महसूस किया कि आज देश में संविधान और लोकतंत्र पर उत्पन्न खतरे को देखते हुए दोनों का मिलना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि सपा और बसपा की विचारधारा लगभग एक ही जैसी है। दोनों दलों का गठबंधन मोदी के हटने की बड़ी वजह साबित होगा। उत्तर प्रदेश में जो भाजपा पिछले चुनाव में 71 सीटें जीत गयी थी, इस बार उसका दोहरे अंक में भी पहुंचना मुश्किल होगा।

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वहीं इस सवाल पर कि वर्ष 2017 का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ने वाली ओमप्रकाश राजभर की अगुवाई वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के इस दफा अलग चुनाव लड़ने का क्या असर पड़ेगा, तो इसके जवाब में अफजाल ने कहा ओमप्रकाश राजभर अपना वोट अलग लड़कर लेंगे। इससे भाजपा का खेल खराब हो जाएगा। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जिस कुशवाहा, राजभर, बिंद और निषाद समाज को बेवकूफ बनाकर उसका वोट बटोरा था, वह अब भाजपा का नहीं रहा।

पूर्व सांसद ने कहा कि पूर्वांचल में जनता के बुनियादी सवाल सबसे अहम हैं। पिछले पांच साल की मोदी सरकार ने जनता के मूलभूत सवालों पर कोई काम नहीं किया। वह उसके सवाल पर आज कोई चर्चा भी नहीं करना चाहती है। उन बुनियादी सवालों की जमीनी हकीकत के देखते हुए हम लोग चर्चा कर रहे हैं।

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मालूम हो कि पूर्वांचल में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली माने जाने वाले अफजाल अंसारी और उनके भाई मुख्तार अंसारी को वर्ष 2016 में सपा में शामिल करने के सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निर्णय का अखिलेश ने पुरजोर विरोध किया था। इसी वजह से यादव परिवार में दरार पैदा हो गयी थी। माना जा रहा था कि अखिलेश अब गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर गाजीपुर से चुनाव लड़ रहे अंसारी के समर्थन में सोमवार को होने वाली रैली से किनारा कर सकते हैं। बहरहाल, उन्होंने कल गाजीपुर में रैली को संबोधित कर सारी अटकलों पर विराम लगा दिया।

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