मायावती का प्रधानमंत्री पर हमला, मोदी सरकार की डूब रही नैया, RSS ने भी छोड़ा साथ

संघी झोला

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर रखने  वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को भी पीएम मोदी पर शब्‍दों के तीखे बाण चलाएं हैं। सूबे की पूर्व मुख्‍यमंत्री ने आज इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए कहा कि मोदी सरकार की नैया डूब रही है, इसका जीता-जागता प्रमाण यह भी है कि आरएसएस ने भी इनका साथ छोड़ दिया है।

संघी झोला लेकर चुनाव में कहीं मेहनत करते नहीं आ रहें नजर

आरएसएस के मोदी से अलग होने का कारण आगे बताते हुए मायावती ने अपने बयान में मीडियो से कहा कि मोदी सरकार की घोर वादा खिलाफी के कारण भारी जनविरोध को देखते हुए संघी झोला लेकर चुनाव में कहीं मेहनत करते नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे अब मोदी के पसीने छूट रहे हैं।

देश को चाहिए शुद्ध पीएम, जनता ने बहरुपियों से बहुत खा लिया धोखा

वहीं बसपा सुप्रीमो ने भाजपा के मैं भी चौकीदार वाले कैंपेन पर भी आज निशाने साधते हुए कहा कि जनता को वरगलाने के लिए देश ने अब तक कई नेताओं को सेवक, मुख्यसेवक, चायवाला व चौकीदार आदि के रूप में देखा है। अब देश को संविधान की सही कल्याणकारी मंशा के हिसाब से चलाने वाला शुद्ध पीएम चाहिए। जनता ने ऐसे बहरुपियों से बहुत धोखा खा लिया है, आगे जनता धोखा खाने वाली नहीं।

रोड शो व पूजा-पाठ बन गया चुनावी फैशन, जोड़ा जाए चुनावी खर्च

मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान रोड शो के साथ ही धार्मिक कार्यक्रम पर भी सवाल उठाते हुए आज चुनाव आयोग से भी मांग की है कि रोड शो व जगह-जगह पूजा-पाठ एक नया चुनावी फैशन बन गया है, जिसपर भारी खर्चा किया जाता है। आयोग द्वारा उस खर्चें को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिये। उन्‍होंने आगे कहा कि अगर किसी पार्टी द्वारा उम्मीद्वार के समर्थन में रोड शो आदि किया जाता है तो उसे भी पार्टी के खर्च में शामिल किया जाना चाहिये।

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मीडिया द्वारा प्रचारित करने पर भी लगनी चाहिए रोक

इसके अलावा बसपा अध्‍यक्ष ने कहा कि किसी भी उम्मीदवार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में चुनाव प्रचार पर बैन लगाने के दौरान यदि वह आम स्थान पर मंदिरों आदि में जाकर पूजा-पाठ आदि करता है व उसे मीडिया द्वारा बड़े पैमाने पर प्रचारित किया जाता है तो उस पर भी रोक लगनी चाहिये। आयोग इस पर भी कुछ कदम जरूर उठाए।

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