आरयू वेब टीम। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित का पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। शीला दीक्षित की अंतिम यात्रा में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए सैकड़ों लोग उमड़ पड़े। उनका पार्थिव शरीर रविवार को सुबह उनके घर से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया और उसके बाद निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।
राजनीति की आजातशत्रु समझी जाने वाली शीला दीक्षित की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में गैर कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी रही। गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी निगम बोध घाट पहुंचे। दिल्ली कांग्रेस के अनेक बड़े नेता उनके अंतिम संस्कार में निगम बोध घाट पर मौजूद रहे।
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तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं और राजधानी को आधुनिक रूप देने वाली वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल्ली के एक निजी अस्पताल में शनिवार दोपहर निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को जब निजामुद्दीन स्थित उनके आवास से पार्टी मुख्यालय लाया गया तो उनकी आखिरी झलक पाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की होने लगी।
कांच के ताबूत में उनका पार्थिव शरीर लेकर आ रहा ट्रक सड़क पर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था क्योंकि सड़क समर्थकों से भरी पड़ी थी जो ‘जब तक सूरज चांद रहेगा शीला जी का नाम रहेगा’ के नारे लगा रहे थे। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एमपी के सीएम कमलनाथ समेत कई शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस कार्यालय में दीक्षित को श्रद्धांजलि दी।
इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, दीक्षित के आवास पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने शीला दीक्षित को उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी। ज्यादातर लोग राष्ट्रीय राजधानी की मुख्यमंत्री के तौर पर 15 साल के उनके कार्यकाल के दौरान दीक्षित से जुड़े रहे थे।