आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। नियुक्ति की मांग को लेकर राजधानी में 12 दिनों से संघर्ष व धरना-प्रदर्शन कर रहे बीटीसी पास शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों की लड़ाई का सोमवार को समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है। आज सपा के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल राम नाईक से मिलकर न सिर्फ योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाएं हैं, बल्कि अभ्यर्थियों के मामले में हस्ताक्षेप कर जल्द से जल्द उन्हें राहत दिलाने 68500 सहायक शिक्षक भर्ती की सीबीआइ जांच कराने की भी मांग की है।
सपा नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन देते हुए कहा कि 68,500 सहायक शिक्षक शिक्षकों की भर्ती को लेकर राजधानी में नौजवान पुलिस के दमन के बावजूद न्याय की भीख मांगते हुए बीते 28 अगस्त से डटे हुए हैं। वो शांतिपूर्ण ढंग से धरना-प्रदर्शन कर अपनी समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, लेकिन योगी सरकार उनको राहत देने की जगह पुलिस से बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज व बल प्रयोग कर उन्हें प्रताड़ित करने में लगी है। पुलिस की यातना से कई युवक घायल हो चुके है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज अमानवीय है। सच तो यह है कि नौकरियों को लेकर छल-कपट किया जा रहा है।
तर्क देते हुए सपा नेताओं ने राज्यापाल से कहा कि अभ्यर्थियों के लिए 68,500 पदों पर परीक्षा हुई थी, जिसमें 107,000 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। सरकार ने संविधान के विपरीत जाकर आरक्षण समाप्त करते हुए सामान्य तथा अन्य पिछड़े वर्ग की मेरिट के समान 45 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति की मेरिट 40 प्रतिशत कर दिया था।
इसके अलावा सरकार ने अभ्यर्थियों को सामान्य तथा ओबीसी का कट आफ 33 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति का 30 प्रतिशत करने का आश्वासन दिया, लेकिन जब परीक्षाफल घोषित हुआ तो पूर्व का कट आफ ही लागू कर दिया गया। जिससे मात्र 41,556 अभ्यर्थी पास हुए और 26,944 पद रिक्त कर दिए गए। इस परीक्षा में व्यापक पैमाने पर अनियमितता की शिकायतें उजागर हुई हैं।
योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए सपाईयों ने अपने ज्ञापन में राज्यपाल से ये भी कहा कि योगी सरकार के सत्ता में आने के साथ ही यूपी में नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ होने लगा है। परीक्षाओं के बावजूद कई नौकरियों में भर्ती रोक दी गई है। कभी प्रश्न पत्र लीक हो जाते हैं तो कभी कांपियों में नंबर गलत चढ़ जा रहें हैं। इन गड़बड़ियों का असर अगली 97 हजार शिक्षक भर्ती पर पड़ सकता है। भाजपा सरकार में नौकरियों को लेकर अनियमितताओं के नए कीर्तिमान बन रहे हैं।
नेताओं ने कहा कि प्राइमरी शिक्षकों की यह मांग उचित है कि भर्ती प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर हुए घोटाले की सीबीआइ जांच कराकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। समाजवादी पार्टी जांच और कार्रवाई की बात पर अपनी सहमति जताने के साथ ही आपसे इन सभी मामलों में तत्काल हस्तक्षेप की अपेक्षा करती है।
शिक्षक भर्ती के अलावा प्रतिनिधिमंडल ने अन्य समस्याओं की ओर राज्यपाल का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि दिन-प्रतिदिन बढ़ती मंहगाई से आम आदमी का जीना दूभर हो गया हैं। सैकड़ों किसान-नौजवान आत्महत्या कर चुके हैं। सत्ता के नशे में भाजपा सरकार संवेदनशून्य हो गई हैं। यूपी की ध्वस्त कानून-व्यवस्था पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट तक को टिप्पणी करना पड़ रहा है, लेकिन इसके बाद भी योगी सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
राज्यपाल से मिलने वालों में विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी, पूर्व मंत्री आरके चौधरी, विधायक शैलेंद्र यादव, बासुदेव यादव, सुनील सिंह शामिल रहें।