आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। शिक्षक की पहचान पठन-पाठन एवं उनके क्रिया-कलापों से होती है। शिक्षक न केवल छात्रों को पढ़ाता है, बल्कि वह समाज का निर्माण भी करता है। शिक्षकों को छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए लगातार कोशिश करते रहना चाहिए। ये बातें बुधवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने नेशनल पीजी कॉलेज के परिसर में लुआक्टा व नेशनल पीजी कालेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गयी राष्ट्रीय संगोष्ठी में लोगों को संबोधित करते हुए कही।
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि योगी सरकार शिक्षकों की समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण करने के लिए प्रयासरत है। साथ ही प्रदेश में रिक्त अध्यापकों के पदों पर भी जल्द से जल्द भर्ती की जाएगी। साथ ही प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में नकलविहीन परीक्षा करायी जाएगी।
इस दौरान लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय के मांगपत्र का जिक्र करते हुए भी दिनेश शर्मा ने कहा कि महाविद्यालयों के शिक्षकों की समस्याओं का सरकार सकारात्मक रूप से निदान करने तथा उनकी मांगो पर गंभीरता से विचार करेगी। सरकार का प्रयास होगा कि शिक्षकों की समस्याओं का अधिक से अधिक समाधान किया जाए, जिससे सरकार की मंशा सुखी मन शिक्षक, तनाव मुक्त विद्यार्थी तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की संकल्पना को पूरा किया जा सके।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में रूहेलखण्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला एवं अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. माहरूख मिर्जा ने भी शिक्षा एवं शिक्षकों की महत्ता पर बल देते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
वहीं लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बदलते परिवेश में शिक्षा की चुनौतियों से शिक्षकों को अवगत कराया। साथ ही उन्हें इन चुनौतियों से उबरने के लिए खुद को आगे आने का संदेश दिया। उन्होंने उपमुख्यमंत्री से आग्रह किया कि बदलते परिवेश में सरकारों को शिक्षकों के हितों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे शिक्षक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तनाव मुक्त होकर विद्यार्थियों को प्रदान कर सकें। इस अवसर पर एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया। जिसमें विद्वान शिक्षकों के लेखों के अलावा शासनादेशों का भी संकलन है।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पद्म सिंह, लखनऊ यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार, महामंत्री डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश सेवानिवृत्ति शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं लुआक्टा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संग्राम सिंह चौहान समेत अन्य लोग मौजूद रहें।