आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपीपीसीएल के भविष्य निधि घोटाले को लेकर मंगलवार रात योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकातं शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ऊर्जा विभाग के कर्मिक मेरे परिवार का हिस्सा है और उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है।
कर्मचारियों में बढ़ती बेचैनी को देखते हुए आज श्रीकांत शर्मा ने ट्विट कर कहा कि ऊर्जा विभाग के कार्मिक उनके परिवार का हिस्सा हैं। कार्मिका का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। साथ ही उन्होंने अपने ट्विट में ये भी लिखा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है और घोटालेबाजों की संपत्ति कुर्क की जाएगी।
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यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा आज लगाएं गए आरोप पर ऊर्जा मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई का गलत निवेश करने वाले अपने करीबी को बचाने के लिए तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं। उपभोक्ताओं और ऊर्जा विभाग के हितों की चिंता न उन्हें पहले थी, न आज है। कर्मचारी हित योगी सरकार की प्राथमिकता हैं। इसलिए सीबीआइ जांच की सिफारिश की गई है।
अखिलेश सरकार में रखी घोटालों की नींव
पिछली सरकार पर हमला जारी रखते हुए श्रीकांत शर्मा ने आगे कहा कि अखिलेश सरकार में 21 अप्रैल 2014 को सरकारी बैंकों से अलग अन्य संस्थाओं में निवेश को मंजूरी देकर पीएफ घोटाले की नींव रखी गई थी। 17 दिसंबर 2016 को पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन में निवेश किया गया। 17 मार्च 2017 को डीएचएफएल में पहला निवेश कर दिया गया था।
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ट्रस्ट तय करता है, कहां जमा होगा भविष्य निधि का पैसा
वहीं खुद पर लगे आरोपों के बारे में जवाब देते हुए श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों की भविष्य निधि का पैसा कहां जमा होगा, यह ट्रस्ट तय करता है। ट्रस्ट से जुड़ा कोई भी दस्तावेज ऊर्जा मंत्री के पास नहीं आता। डीएचएफएल मामले की शिकायत मिलते ही मैंने सीएम योगी आदित्यनाथ से सीबीआइ जांच का अनुरोध किया था।