पुण्यतिथि पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को यादकर CM योगी ने कहा, आजादी की लड़ाई में निभाई अहम भूमिका

श्यामा प्रसाद मुखर्जी
मीडिया से बात करते सीएम योगी, उपमुख्यमंत्री व अन्य।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्‍हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि आज महान स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रख्यात शिक्षाविद्, भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस है।

वहीं प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि डॉ. मुखर्जी एक महान शिक्षाविद् थे। मात्र 33 वर्ष की उम्र में उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। देश के विभाजन की त्रासदी को रोकने और पूरे बंगाल को अंग्रेजों की कुटिलता से बचाने में डॉ. मुखर्जी जैसे राष्ट्रीय नायकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

योगी ने कहा कि उस दौर में डॉ. मुखर्जी की अनेक सामाजिक गतिविधियों से पहचान, प्रखर राष्ट्रवादी विचार का नेतृत्व और देश के भीतर संपूर्ण स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी उनकी पहचान बन गयी थी। यही कारण था कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो उन्हें संयुक्त सरकार में प्रथम उद्योग मंत्री के रूप में भारत की औद्योगिक नीति को आगे बढ़ाने का अवसर मिला।

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सीएम ने कहा कि बाद में जब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देखा कि तत्कालीन सरकार उन मूल्यों और आदर्शों से दूर जा रही है जिनके लिए आजादी हासिल की गई थी और तुष्टीकरण की नीतियां अपना रही है, तो उन्होंने वहां से इस्तीफा दे दिया। भारतीय जनसंघ के संस्थापक के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया। भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने सरकार की उन सभी तुष्टिकरण नीतियों का विरोध किया जो भारत की एकता और राष्ट्रीय अखंडता को खतरे में डाल सकती थीं।

योगी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस की अदूरदर्शिता के कारण कश्मीर में हालात लगातार बिगड़ रहे थे। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश को परमिट प्रणाली का विरोध करने या जम्मू-कश्मीर में शेष भारत से अलग कानून बनाने और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री को अलग मान्यता देने का नारा दिया था और कहा था कि एक देश में ’दो प्रधान, दो विधान और दो निशान’ नहीं चलेंगे। उनका आंदोलन तेज हो गया। डॉ. मुखर्जी को उनके आंदोलन के कारण जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार भी किया गया है। सीएम योगी ने कहा कि 23 जून 1953 को कश्मीर को बचाने के लिए उनका बलिदान भारत की अखंडता के लिए जाना जाता है।

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