सोती रही पुलिस इंजीनियर की पत्‍नी के बाद बेटे की भी हो गई हत्‍या!

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फिरोज की लाश मिलने के बाद मकान में जांच के लिए पहुंची थी पुलिस। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। निरालानगर में एलडीए के पूर्व चीफ इंजीनियर की पत्‍नी की तरह उनके इंजीनियर बेटे की मौत भी स्‍वाभाविक नहीं थी। सूत्रों की माने तो 52 वर्षीय फिरोज जमाल की मौत सिर पर चोट लगने के चलते हुई थी, आज हुए पोस्‍टमॉर्टम में फिरोज के बाएं कान के ऊपर सिर की हड्डी टूटी हुई मिली, जबकि उसके गले पर धारदार हथियार से गंभीर चोट होने की बात सामने आई है।

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सूत्रों के अनुसार फिरोज की हत्‍या सात से दस दिन पहले की गई होगी। मिली जानकारी के आधार पर एक बात साफ हो जाती है कि जमाल की भी हत्‍या की गई थी।

हालांकि पुलिस शनिवार रात साढ़े ग्‍यारह बजे तक पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिलने का दावा कर रही थी। हसनगंज इंस्‍पेक्‍टर के अनुसार कल पीएम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी।

नौ दिन पहले मिली थी बेटी, पुलिस ने नहीं ली पूरी जानकारी

दूसरी ओर फिरोज की लापता चल रही बहन हुमा खान उर्फ बेबी का पता आज भी पुलिस नहीं लगा सकी। हसनगंज पुलिस के अनुसार डा. मोना जबीन की मौत के बाद पुलिस ने छानबीन की थी तो हुमा का निरालानगर स्थित यूको बैंक की शाखा में एकाउंट होने की जानकारी मिली थी।

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पुलिस ने बैंककर्मियों से हुमा की जानकारी लगने पर सूचना देने की बात कही थी। 24 मार्च को हुमा पैसा निकालने पहुंची तो बैंक कर्मियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी थी।

पुलिस की माने तो सूचना पाकर बैंक पहुंची पुलिस की पूछताछ में हुमा ने बताया था कि वह काठमांडू पशुपति नाथ के दर्शन करने गई थी। मुस्लिम समुदाय की होने के बाद भी मंदिर जाने की बात पर पुलिस ने किसी के साथ जाने को पूछा तो उसने अकेले ही काठमांडू जाने की बात दोहराई।

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पुलिस का दावा है कि हुमा ने यह भी कहा था कि उसके मां की मौत गिरने से हुई थी। इसके बाद भी पुलिस उससे यह नहीं जान सकी कि वह लाश को छोड़कर घर से क्‍यों चली गई थी।

बता दें कि फिरोज से पहले उसकी 90 वर्षीय मां की भी करीब 20 दिन पुरानी लाश घर में मिली थी। शुरूआत में पुलिस उसे स्‍वाभाविक मौत मान रही थी, लेकिन पीएम रिपोर्ट आने के बाद हत्‍या की बात साफ हुई थी। घटना के बाद फूलबाग निवासी मोना जबीन के दूर के रिश्‍ते के भाई वसीम अहमद खान ने करोड़ो की प्रापर्टी को लेकर किसी षडयंत्र की बात पुलिस से कही थी।

बहन के बाद आज भतीजे को किया सुपुर्दे खाक

पोस्‍टमॉर्टम हाउस पहुंचे फिरोज जमाल के मामू वसीम ने शव को अपने सुपुर्दगी में लेने के बाद डालीगंज स्थित कब्रिस्‍तान में उसकी मां की कब्र के पास दफनाया। करोड़ों के मालिक होने के साथ ही किसी समय में इंजीनियर रहे फिरोज जमाल की मिट्टी में वसीम और उनका भतीजा फैज ही शामिल हुए।

किसने रटाई हुमा को बालिग होने की बात ?

वसीम ने बताया कि नौ दिन पहले हुमा के मिलने पर पुलिस ने उससे सामना कराया था, जिसपर हुमा ने कहा था कि वह बालिग है जहां चाहे रह सकती है। यह बात उसने पुलिस से भी कही थी।

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मानसिक रूप से कमजोर हुमा को बालिग होने का बयान किसने रटाया ?  वह कहां और किसके साथ रहती है ? उसको साथ रखने वाले का मकसद क्‍या है ? पूर्व चीफ इंजीनियर की निरालानगर, गोमतीनगर के अलावा कहां-कहां प्रापर्टी है ? उससे किसको फायदा हो सकता है ? मोना जबीन की हत्‍या किसने की ? रहमत खान की मौत का क्‍या राज था ?  ऐसे तमाम सवाल है जिसको पुलिस ने अब तक नजरअंदाजा किया है। इन सवालों के जवाब में पुलिस बस इतना ही बता पा रही है कि हुमा गोमतीनगर में कही रहती है। उसका पता लगाया जा रहा है।

एसपी ट्रांसगोमती दुर्गेश कुमार का कहना है कि सारे सवालों के जवाब ढ़ूढने के साथ ही शुरू से कडि़यों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। पूरे घटनाक्रम के पीछे अगर किसी की साजिश है तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।