आरयू ब्यूरो, लखनऊ। वन्य जीव तस्करों के खिलाफ अभियान चला रही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएसफ) की टीम ने आज वन विभाग की टीम के साथ कार्रवाई करते हुए लखनऊ से तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए तस्करों के पास से करीब 30-30 किलो के सात कछुए मिले हैं। बरामद विशालकाय कछुओं की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपए में हैं।
एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार पकड़े गए तस्करों में इटावा जिले के फ्रेंडस कॉलोनी क्षेत्र निवासी विपिन, उतराखंड के रुद्रपुर उधम सिंह नगर निवासी सुखदेव मंडल व मनोज शामिल हैं।
विपिन का पिता पहले ही जेल में बंद
एसटीएफ को पूछताछ में पकड़े गए विपिन ने बताया कि उसका परिवार काफी समय से कछुआ तस्करी कर रहा। उसके पिता जगदीश कछुआ तस्करी के ही केस में भी इटावा जेल में बंद हैं।
स्थानीय शिकारियों से होता हुआ विदेश पहुंचता है कछुआ
विपिन के अनुसार वह स्थानीय शिकारियों से कछुए खरीदता है। इसके बाद इन्हें रुद्रपुर निवासी सुखदेव मंडल के साथ विभिन्न प्रांतों में भिजवाता हूं। जिसके बाद यह कछुए पश्चिम बंगाल पहुंचते हैं, जहां से बड़े व्यापारी इन कछुओं को महंगे दामों की वसूली कर विदेश भेजते हैं।
रोकथाम के लिए एसटीएफ ने गठित की थी टीम
एसटीएफ उपाधीक्षक दीपक कुमा सिहं ने बताया कि कछुओं की विभिन्न प्रजातियों से समृद्ध पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही कछुओं की व्यापक तस्करी की रोकथाम के लिए एसआइ शिवेंद्र सिंह सेंगर, मुख्य आरक्षी हरीश सिंह चौहान, कृष्ण कान्त, धीरेंद्र अन्य की टीम गठित की गयी थी। आज मुखबिर से सूचना मिलने के बाद इसी टीम ने तस्करों को दबोचा है।
कोर्ट के आदेश पर छोड़े जाएंगे कछुए
तस्करों पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही बरामद कछुओं की देख-रेख व घायल कछुओं के प्राथमिक उपचार के लिए वन विभाग व टर्टल सरवाईवल एलाइंस को सूचित कर दिया गया है। बरामद कछुओं को न्यायालय से आदेश मिलने के बाद उनके नैसर्गिक वातावरण में छोड़ दिया जायेगा। पकड़े गए गिरोह का अन्तर्राज्यीय विस्तार होने के कारण वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु सूचना दी जा रही है।