आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ भाषण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। शुक्रवार को कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कोर्ट के निर्णय मायूस करने वाला बताया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि आम तौर पर यह धारणा रही है कि अदालत के सामने सभी लोग बराबर होते हैं। कमजोर लोग इसी आस्था से प्रेरित हो कर ताक़तवर लोगों के खिलाफ भी अदालत जाने का साहस दिखा पाते हैं।
अपने एक बयान में आज शाहनवाज ने कहा कि यह धारणा ऐसे फैसलों से कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि ये और भी दुखद है कि फैसला आने से पहले ही आम लोगों में चर्चा थी कि ऐसा ही फैसला आयेगा। यह स्थिति न्यायपालिका की गरिमा और लोकतंत्र दोनों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। अदालत में भले ही योगी आदित्यनाथ ने भड़काऊ भाषण देने के अपराध को न कबूला हो, लेकिन उन्होंने 30 अगस्त 2014 को पत्रकार रजत शर्मा की आप की अदालत कार्यक्रम में उस भाषण का क्लिप दिखाये जाने के बाद स्वीकार किया था कि यह उन्हीं का भाषण है।
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अदालत से वादी पक्ष के वकीलों ने कोर्ट के बाहर सार्वजनिक तौर पर अपराध की स्वीकारोक्ति को बतौर साक्ष्य संज्ञान में लेने की अपील की थी, लेकिन अदालत ने इसे संज्ञान नहीं लिया, जबकि यह एक महत्वपूर्ण साक्ष्य था।
शाहनवाज आलम ने अखिलेश यादव की पिछली सपा सरकार पर भी इस मामले में योगी आदित्यनाथ को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2015 से 2017 तक इस मामले की जांच ही रोक दी गयी थी, जबकि 2017 में सत्ता में आते ही योगी आदित्यनाथ ने अपने खिलाफ दर्ज सारे मामलों को निरस्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को सपा और भाजपा की इस मिलीभगत को समझना चाहिए।