आरजी मेडिकल केस में सुप्रीम कोर्ट ने CBI से मांगी नई स्टेटस रिपोर्ट, सात दिनों का दिया टाइम

सुप्रीम कोर्ट

आरयू वेब टीम। कोलकाता के आरजी मेडिकल अस्पताल केस में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पश्चिम बंगाल सरकार ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले में कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। वहीं, सीबीआइ ने मामले में अभी तक की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सीलबंद लिफाफे में पेश की गई रिपोर्ट की समीक्षा की। सीजेआइ ने कहा कि हमें अप्राकृतिक मौत के मामले में स्पष्टीकरण चाहिए। इस मामले में अब कोर्ट ने सीबीआइ से नई स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

साथ ही इसकी जांच के लिए कोर्ट ने एक हफ्ते का समय और दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को करेगी। दरअसल सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि हमने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट पेश की है। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से 23 लोगों की मौत हुई है। वहीं, सीबीआइ की ओर से मामले में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार सीबीआइ से क्या छिपाना चाहती है? हमें पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से दाखिल जवाब की कॉपी नही मिली है।

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि हमने जवाब की कॉपी सिर्फ कोर्ट में जमा की है। हमने सीबीआइ को अभी तक कॉपी नही दी है। सिब्बल ने कहा डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से जब डॉक्टर अस्पताल में काम नही कर रहे थे, उस दौरान 23 लोगो की इलाज नहीं मिलने से मौत हो गई।

सॉलिसिटर मेहता ने कहा कि हमारे पास फॉरेंसिक रिपोर्ट है। जब सुबह 9.30 बजे डेड बॉडी मिली। वह अर्द्धनग्न अवस्था में थी। शरीर पर चोट के निशान थे। ये बेहद गंभीर मामला है। उसके बाद सीबीआइ ने तय किया कि घटनास्थल और शव से मिले सैंपल एम्स भेजे जाएं। ऐसे में सैंपल किसने लिए हैं, कैसे लिए हैं। ये जानना जरूरी हो जाता है।

इस मामले पर पेश स्टेटस रिपोर्ट पर गौर करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि प्रिंसिपल का घर अस्पताल से कितनी दूर था? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उनका घर अस्पताल से कम से कम 15 से 20 मिनट की दूरी पर है। सीजेआई ने पूछा कि अप्राकृतिक मौत का वक्त क्या था? अप्राकृतिक मौत की एंट्री कब हुई? इस पर सिब्बल ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र 1.47 बजे पर मिला। रात 2.55 बजे अप्राकृतिक मौत को लेकर एंट्री दर्ज हुई, कोर्ट ने कहा कि फिर इतना समय क्यों लगा?

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सीजेआइ ने पूछा कि तलाशी और बरामदगी कब हुई? इस पर सिब्बल ने कहा कि रात 8.30 बजे बरामदगी हुई। जब बॉडी पोस्टमार्टम के लिए ले जाई गई तब से प्रक्रिया शुरू हुई। उससे पहले वहां की फोटोग्राफी का काम पूरा हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या कोलकाता पुलिस ने 8:30 से 10:45 तक की पूरी फुटेज सीबीआइ को सौंप दी है? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हां हमें मिल गई है। कुल चार क्लिपिंग्स हैं। ये क्लिपिंग 27 मिनट की अवधि की हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर पूछा की एफआइआर कब दर्ज हुई है। इस पर पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि दोपहर 2.55 बजे एफआइआर दर्ज हुई, जबकि डेथ सर्टिफिकेट दोपहर 1.47 बजे दिया गया।

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