SC ने दी ममता सरकार को बड़ी राहत, नहीं होंगे पंचायत चुनाव दोबारा

सुप्रीम कोर्ट

आरयू वेब टीम। 

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को पंचायत चुनाव विवाद में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है। साथ ही फैसला सुनाते हुए कहा कि निर्विरोध जीती हुई सीट पर दोबारा चुनाव नहीं होंगे। उच्‍चतम न्‍यायालय ने राज्य चुनाव आयोग की बची हुई 34 फीसदी सीटों के नतीजे जारी करने का आदेश दे दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि ई-नॉमिनेशन का प्रावधान निर्वाचन नियमों का हिस्सा नहीं है। इंटरनेट या वॉट्सऐप के जरिए हुए नामांकन को मान्यता नहीं दी सकती। ऐसे में अगर किसी को चुनाव प्रक्रिया से शिकायत है, तो वह अगले 30 दिनों के भीतर याचिका डाल सकता है, जबकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने करीब 11 उम्मीदवारों द्वारा वॉट्सऐप या इंटरनेट के द्वारा किए गए नामांकन को मान्यता दी थी।

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सुनवाई के दौरान राज्य चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि जब पंचायत चुनाव में 20 हजार सीटों पर कोई अन्य उम्मीदवार चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुआ, तो क्या आयोग ने कोई जांच की? क्योंकि फ्री एंड फेयर चुनाव कराना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है।

वहीं राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि 58,692 में से 20 हजार 159 सीटों पर अगर चुनाव में किसी ने हिस्सा नहीं लिया तो ये कोई बड़ी बात नहीं है। आयोग ने उदाहरण देते हुए कहा कि पंचायत चुनावों में यूपी में 57 फीसदी, हरियाणा में 51 और सिक्किम में 67 फीसदी सीटों पर इसी तरह के हालात रहे हैं।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव के दौरान करीब 34 फीसदी सीटों पर टीएमसी ने निर्विरोध जीत दर्ज की थी, जिसपर सवाल उठे थे। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि इन सभी सीटों पर दोबारा चुनाव नहीं होंगे।गौरतलब है कि ऐसी करीब 20,159 सीटें थीं, जिनके नतीजे घोषित नहीं किए गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग नतीजे जारी कर सकता है।

मालूम हो कि राज्य में इसी साल 14 मई को पंचायत चुनाव हुए थे। चुनाव से पहले ही राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 34.2 प्रतिशत सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। इस तरह से 58 हजार 692 पंचायत सीटों में 20076 सीटों पर चुनाव नहीं हुए थे।

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