आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अवैध निर्माण पर शिकंजा कसने के लिए एलडीए उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी लगातार बैठक कर जोनल अफसर से लेकर प्रवर्तन के इंजीनियर व सुपरवाइजरों तक को चेतावनी देते रहें, लेकिन इस बीच इंजीनियर-कर्मियों ने मोहान रोड पर अवैध निर्माण की मंडी ही बसा दी। इसका खुलासा होने के बाद बुधवार को एलडीए वीसी ने सख्त रवैया अपनाते हुए कार्रवाई के लिए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर अवैध प्लॉटिंग व अवैध निर्माण के साथ ही जोन तीन के ऐसे जोनल अफसर व प्रवर्तन के साथ-साथ अभियंत्रण के भी इंजीनियरों को चिन्हित करने को कहा है जिन्होंने न सिर्फ इन पर कार्रवाई नहीं की, बल्कि बैठकों में वीसी को भी अवैध निर्माणों की रिपोर्ट नहीं दी। उपाध्यक्ष के अनुसार जोनल अधिकारी व इंजीनियरों द्वारा ऐसा करना अत्यंत निराशाजनक व अकर्मण्यता की श्रेणी में आता है।
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अपर सचिव की अध्यक्षता में कमेटी ने आज से जोन तीन की 668 एकड़ में फैली मोहान रोड योजना का सर्वे भी शुरू कर दिया है। साथ ही लापरवाही व भ्रष्टाचार के चलते मोहान रोड व उसके आसपास करीब 50 जगाहों पर इन अवैध प्लॉटिंग व अवैध रो हाउस को संरक्षण देने वाले अधिकारी, इंजीनियर व कर्मियों की तैनाती के बारे में भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। जोनल अधिकारी अरूण कुमार सिंह, तहसीलदार शशिभूषण पाठक व अधिशासी अभियंता नवनीत शर्मा वाली कमेटी फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी के साथ तीन दिन में अपना सर्वे पूरा कर उपाध्यक्ष को इसकी रिपोर्ट देगी।
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वीसी के आदेश के अनुसार अवैध निर्माण के प्रति जवाबदेही तय करने के लिए मोहान रोड योजना की पुरानी तस्वीरों से मौजूदा हालात का भी मिलान कराया जाएगा तथा अवैध निर्माण-प्लॉटिंग के लिए जिम्मेदार अधिकारी व अभियंताओं की भूमिका का भी उल्लेख अपनी रिपोर्ट में करेगी।
एलडीए वीसी ने बताया कि कमेटी द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी का दायित्व निर्धारित करते हुए उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि योजना के लिए प्राधिकरण की अधिग्रहित जमीन पर अगर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा, अवैध निर्माण या अवैध प्लाटिंग पायी जाती है तो स्थल पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के साथ ही कब्जेदार व निर्माणकर्ता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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आठ महीने में तेजी से फैला अवैध निर्माण
मंगलवार को एलडीए वीसी ने मोहान रोड योजना का निरीक्षण किया तो यह देख दंग रह गए कि जो इंजीनियर व जोनल अफसर अवैध निर्माण पर लगाम लगाने का दावा बैठक में उनके सामने करते हैं, उनकी लापरवाही व भ्रष्टाचार के चलते मोहान रोड योजना व उसके आसपास लगभग 50 जगाहों पर अवैध प्लॉटिंग व निर्माण तेजी से चल रहा। वीसी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आसपास के ग्रामीणों से बातचीत की तो पता चला कि पिछले सात-आठ महीनों में यहां अवैध निर्माण का जाल तेजी से फैला है।
रसूखदार जेई के संरक्षण में फल-फूल रही थी अवैध निर्माण की मंडी!
वहीं सूत्रों की माने तो मोहान रोड के आसपास बसी अवैध निर्माण की यह मंडी का मुख्य संरक्षणदाता एलडीए का ही एक रसूखदार जेई है। अपना कनेक्शन गोरखपुर से बता अधिकारियों तक को अर्दब में लेने की कोशिश करने वाला यह जेई लंबे अर्से से प्रवर्तन के ही विभिन्न जोन में तैनात रहा है। अवर अभियंता सील भवनों को अध्यासित कराने के लिए भी अकसर चर्चा में रहा है।
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अवैध निर्माण को बना दिया ‘दहशत का धंधा’
सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि अवैध निर्माण को यह जेई दहशत के धंधे के तौर पर इस्तेमाल करता था। इसके लिए कभी वह खुद तो कभी अपने सुपरवाइजरों को अवैध निर्माण करने वालों को धमकाने व वसूली के लिए भेजता था। दहशत बनाने व डिमांड पूरी नहीं होने पर यह जेई पुरानी प्लॉटिंग पर जेसीबी भी चलवा वसूली का माहौल बनाता था, हालांकि इन बातों में कितना दम है और इन अवैध निर्माणों के लिए एलडीए का कौन अधिकारी, कर्मचारी व इंजीनियर गुनाहगार है इसका पुष्टि कमेटी की रिपोर्ट सामने आने पर ही पूरी तरह साा हो पाएगी।
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कमेटी के सर्वे में भी मिली अवैध प्लॉटिंग-निर्माण
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि उपाध्यक्ष के आदेशानुसार योजना के निरीक्षण का कार्य आज से शुरू कर दिया गया है। बुधवार को सर्वे के दौरान कलियाखेड़ा, नहर रोड तथा किसान पथ से मास्टर प्लान रोड को जाने वाले मार्ग का निरीक्षण किया गया। इसमें कई जगह अवैध निर्माण व अवैध प्लाटिंग चिन्हित की गयीं। इसके साथ ही टीम द्वारा योजना के साइट ऑफिस के लिए उपयुक्त जगहों की भी मार्किंग की गयी।
सर्वे के दौरान अपर सचिव के अलावा जोनल अधिकारी अरुण कुमार सिंह, एक्सईएन संजीव कुमार गुप्ता व तहसीलदार शशिभूषण पाठक व अन्य मौजूद रहें।