आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बिहार में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट चोर कहे जाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने नाराजगी जाहिर की है। बसपा मुखिया ने कहा कि राजनीति का गिरता हुआ स्तर अति दुखद व चिंतनीय है।
मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक लंबी पोस्ट कर आज कहा कि सभी पार्टियों की राजनीति, पार्टी के संविधान के हिसाब से विचार और सिद्धान्तों के आधार पर देश व करोड़ों गरीबों व आमजन के हित में होनी चाहिये। खासकर पिछले कुछ वर्षों से सही से देखने को नहीं मिल रहा है, जबकि इस दौरान देश के सामने विभिन्न प्रकार की आन्तरिक एवं बाहरी चुनौतियां काफी बढ़ी हैं।
यूपी की पूर्व सीएम ने आगे कहा कि देश के उच्च सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं व विशेषकर राजनीति में उच्च पदों पर बैठे लोगों के बारे में जिस प्रकार की अभद्र, अशोभनीय, अमर्यादित व असंसदीय टिप्पणी आदि सार्वजनिक तौर पर करके उनकी व देश की छवि को भी धूमिल करने के जो प्रयास किये जा रहे हैं वह अति-दुखद व चिन्तनीय। खासकर चुनाव के समय यह प्रक्रिया और भी अधिक विषैली व हिंसक हो जाती है। इसी क्रम में अभी बिहार में भी जो कुछ देखने व सूनने को मिला है वह देश की चिन्ता को बढ़ाने वाला है।
वहीं आज अपनी तारीफ करते हुए मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी बीएसपी शुरू से ही ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के अंबेडकरवादी सिद्धान्त और नीति पर आयरन दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पार्टी व सरकार चलाने का साहस दिखाने वाली पार्टी होने के कारण किसी भी प्रकार की दूषित व जहरीली राजनीति के खिलाफ है और दूसरों से भी यही उम्मीद करती है कि वे देश व आमजन के हित में घिनौनी स्वार्थ की राजनीति करने से दूर रहें और एक-दूसरे को ज़बरदस्ती नीचा दिखाने की सस्ती राजनीति से देश का माहौल खराब ना करें तो बेहतर।
यहां इस बारे में ये विशेष उल्लेखनीय है कि बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर का आदर्श कल्याणकारी भारतीय संविधान, भारत के करोड़ों लोगों के हित, सुरक्षा व उनके आत्म-सम्मान को सर्वोपरि मानते हुए, हर संवैधानिक संस्था को अपनी निर्धारित सीमा में रहकर कार्य करने अर्थात् उन सबके लिए चेक एण्ड बैलेन्स की गारंटी सुनिश्चित की है, जिस पर सही से अमल करके ही हालात को बिगड़ने से जरूर बचाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें- मायावती ने सात राज्यों के पार्टी संगठन की समीक्षा कर कहा, भाषा पर होने वाली हिंसा घातक
दरअसल मायावती का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब देश में वोट चोरी और चुनाव आयोग की मनमानी को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। राहुल गांधी लगातार मंचों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट चोर कहकर संबोधित कर रहें हैं। राहुल चुनाव आयोग के अफसरों को भी सवालों को कटघरे में खड़े कर रहें हैं। सोशल मीडिया तक पर लगातार वोटर चोर गद्दी छोड़ जैसे हैसटैग ट्रेंड कर रहें हैं।