आरयू वेब टीम। दक्षिण तमिलनाडु में कांग्रेस को झटका लगा है। तमिलनाडु में लगातार तीन बार से विधायक कांग्रेस की नेता एस. विजयधरानी शनिवार को भारतीय जानता पार्टी में शामिल हो गईं है। इस दौरान विजयधरानी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
वहीं विजयधरानी के भाजपा में शामिल होने को पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वह राज्य में अपना जनाधार बनाने के लिए संघर्ष कर रही है। विजयधरानी कन्याकुमारी लोकसभा क्षेत्र की विलावनकोड सीट से विधायक हैं। भाजपा कन्याकुमारी से अतीत में लोकसभा चुनाव जीत चुकी है।
भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस विधायक ने अपना त्याग पत्र ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि वह केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व तमिलनाडु के चुनाव प्रभारी अरविंद मेनन की उपस्थिति में राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी में शामिल हुईं। विजयधरानी ने विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्र सरकार की सराहना की और अफसोस जताते हुए कहा कि उनमें से कुछ को तमिलनाडु में लागू नहीं किया जा रहा है, जहां द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में है।
उन्होंने महिलाओं पर भाजपा के ध्यान की सराहना करते हुए कहा कि देश में बहुत सारी बड़ी चीजें हो रही हैं। मुरुगन ने कहा कि मोदी के हाथों को मजबूत करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं। साल 2019 के आम चुनाव में भाजपा तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीट में से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
वहीं आंध्र प्रदेश के नरसापुरम से लोकसभा सदस्य के. रघु रामकृष्ण राजू ने शनिवार को वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी से इस्तीफा दे दिया। राजू के लगभग चार वर्ष से मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से मतभेद रहे हैं। उन्होंने रेड्डी को तीखे शब्दों में लिखे त्यागपत्र में कहा कि समय आ गया है कि दोनों को खुद को ‘हमेशा के लिए अरुचिकर संबंध’ से मुक्त कर देना चाहिए।
यह भी पढ़ें- कांग्रेस से इस्तीफा दे पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा ने बताया किस पार्टी में होंगे शामिल
राजू ने कहा, “मैं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सक्रिय सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं और उम्मीद करता हूं कि आप (रेड्डी) इसे शीघ्र या अपनी सुविधानुसार स्वीकार करेंगे।” राजू ने कहा कि उन्हें संसदीय सदस्यता से अयोग्य घोषित कराने के रेड्डी के कई कथित प्रयास विफल रहे। राजू से पहले मछलीपट्टनम से सांसद बालाशोवरी वल्लभनेनी, नरसरावपेटा से सांसद एल श्रीकृष्ण देव रायलु आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी छोड़ चुके हैं। आंध्र प्रदेश में कुछ महीनों बाद लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं।