आरयू वेब टीम। दक्षिण पूर्वी तुर्किये और सीरिया में सोमवार तड़के 7.8 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे कई इमारतें ढह गईं। भूकंप संबंधी घटनाओं में कम से कम 360 लोगों की मौत की खबर है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। आंशिक रूप से ढह गई इमारतों के अंदर फंसे लोग व सड़कों पर मौजूद लोग मदद की गुहार लगाते नजर आए। भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस किए गए।
इसका केंद्र सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर गजियांतेप शहर के उत्तर में था। अतमेह कस्बे के चिकित्सक मुहीब कदौर ने फोन पर ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को कहा, ‘हमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है। हम बेहद दबाव में हैं।” भूकंप के बाद करीब 20 झटके महसूस किए गए, जिनमें से सबसे शक्तिशाली झटका 6.6 की तीव्रता का था।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ट्वीट किया कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए ‘‘तलाश एवं बचाव दलों को तुरंत रवाना कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि जानमाल के कम से कम नुकसान के साथ हम इस आपदा से मिलकर बाहर निकलेंगे ।” तुर्कये की आपदा एवं आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने पहले बताया था कि सात प्रांतों में कम से कम 76 लोग की मौत हुई है, जबकि 440 लोग घायल हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि सोमवार को आए भूकंप से सीरिया सरकार नियंत्रण वाले इलाकों में 237 लोगों की मौत हुई है, जबकि करीब 630 लोग घायल हुए हैं। विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में कम से कम 47 लोगों के मारे जाने की खबर है। उत्तर पश्चिम सीरिया में विपक्ष के ‘सीरियन सिविल डिफेंस’ ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को ‘‘विनाशकारी” बताते हुए कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं।
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‘सीरियन सिविल डिफेंस’ ने लोगों से इमारतों से बाहर खुले स्थान पर रहने को कहा है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था। प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए। भूकंप ऐसे समय में आया है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है जिसके बृहस्पतिवार तक जारी रहने के आसार हैं। उत्तर-पश्चिम तुर्किये में 1999 में आए शक्तिशाली भूकंप में करीब 18,000 लोग मारे गए थे।