आरयू वेब टीम। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद शनिवार को उद्धव ठाकरे सरकार बहुमत परीक्षण में भी सफल हो गई। ठाकरे सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 145 वोट की जरूरत थी और उसे 169 वोट मिले। वहीं बहुमत परीक्षण से पहले सदन में काफी हंगामा हुआ। भाजपा नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा सत्र का आयोजन संवैधानिक मानदंडों के तहत नहीं है।
उन्होंने प्रोटेम स्पीकर को भी बदलने पर सवाल उठाए और कहा कि बिना स्पीकर विश्वास मत नहीं होता है। उन्होंने कहा कि भारत में कार्यवाहक अध्यक्ष को कभी नहीं बदला गया तो भाजपा के कोलम्बकर को पद से क्यों हटाया गया। ये निममों के विपरीत है।
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हालांकि कार्यवाहक विधानसभा अध्यक्ष दीलिप वाल्से पाटिल ने फडणवीस के दावों को खारिज करते हुए कहा राज्यपाल की अनुमति के बाद सत्र का आयोजन किया गया है। इस दौरान सदन में ‘दादागीरी नहीं चलेगी’ के नारे भी लगे। हंगामे के बीच बीजेपी ने सदन से वॉक आउट कर दिया और फडणवीस समेत पार्टी के विधायक सदन से बाहर चले गए। इसके बाद विश्वास मत की प्रक्रिया पूरी की गई।
बता दें कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के कुल 154 विधायक हैं। ऐसे में ठाकरे सरकार को कुछ निर्दलीय विधायकों और बहुजन विकास अघाड़ी के विधायकों का भी साथ मिल गया है।