आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को ‘भारत बंद’ का उत्तर प्रदेश में मिलाजुला असर दिखा। भारत बंद का विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल समर्थन कर रहे हैं। वहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा, लेकिन प्रदेश के अन्य विभिन्न जिलों में बंद का कहीं कम, तो कहीं ज्यादा असर दिखाई दे रहा है।
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप, आनंद भदौरिया, सुनील साजन और आशु मलिक भारत बंद के समर्थन में विधान भवन परिसर में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने बैठे। सपा नेता आलोक सिंह ने कहा कि भारत बंद को समर्थन देने के कारण उनकी पार्टी के लोगों को पुलिस ने घर पर ही रोक दिया है।
भारत बंद का समर्थन कर रही कांग्रेस ने बताया कि सरकार इस बंद को दबाने पर पूरी तरह उतारू है और राज्य के विभिन्न जिलों में देर रात से ही कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू कर दिया गया। यहां तक के गोरखपुर में बंद का समर्थन कर रहे प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
वहीं आजमगढ़ जिला अध्यक्ष प्रवीण सिंह और उपाध्यक्ष दिनेश यादव को नजरबंद कर दिया गया है, जबकि गाजीपुर शहर अध्यक्ष और चित्रकूट के जिला अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है। सहारनपुर और कानपुर नगर में भी कांग्रेस पदाधिकारियों की भी गिरफ्तारी हुई है।
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मेरठ में 14 गिरफ्तार
मेरठ में किसान आंदोलन की आड़ में जिले में उन्माद फैलाने की आशंका के चलते 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। जिनको अलग-अलग थानों में रखा गया है। बताया गया कि आठ लोगों को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दिया। जहां से उनको न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। एसएसपी अजय कुमार साहनी के मुताबिक, किसानों के भारत बंद आव्हान का असर मेरठ में नहीं है। मेरठ की सभी दुकानें व सभी बाजार खुले हुए हैं।
एनएच 58 हाईवे पर कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के जटोली और परतापुर थाना क्षेत्र के घोपला गांव के सामने किसानों ने जाम लगाया हुआ है। इसके अलावा भी कई जगहों पर किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से जाम लगाकर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिया है। हाईवे पर जाम लगाने वाले किसानों से लगातार पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की बातचीत चल रही है।
उन्होंने शांतिपूर्वक तरीके से जाम लगाकर अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन देने की बात कही है। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि किसानों के आंदोलन की आड़ में कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते थे। इसका इनपुट मिलने पर पुलिस ने सुबह ही अलग-अलग जगह से 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया जिसमें मेरठ व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष जीतू नागपाल और उनके साथी शैंकी वर्मा भी शामिल है।
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (राधे गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे लाल यादव ने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए भारत बंद को विफल करने के मकसद से हर हथकंडा अपना रही है। उन्होंने कहा कि भारत बंद को विफल बनाने के लिए उनकी यूनियन के कार्यकर्ताओं की भी धरपकड़ की गई है।
कौशांबी में बंद रहा बेअसर
इस बीच, राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि उनके संगठन के पदाधिकारियों को उन्नाव, सीतापुर, हरदोई ,औरैया, कन्नौज, प्रयागराज, गाजियाबाद तथा अन्य शहरों में पुलिस ने नजरबंद किया है, जो लोकतंत्र की हत्या जैसा है। मऊ से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, भारत बंद के दौरान शहरी और ग्रामीण इलाकों में बाजार बंद दिखाई दिए।
इस संबंध में हलधरपुर थानाध्यक्ष डीके श्रीवास्तव ने पहसा बाजार में बंद दुकानों को देख दुकानदारों से कहा कि जो भी दुकानदार दुकान खोलना चाहता है, वह खोल सकता है और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।
अयोध्या में भारतीय किसान यूनियन का प्रदर्शन
किसानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन का प्रदर्शन। भकियू ने गांधी पार्क व तिकोनिया पार्क में किया प्रदर्शन। गांधी पार्क का गेट खोलकर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता निकले बाहर। सड़क पर दिया धरना। सरकार विरोधी नारे लगाए। भारतीय किसान यूनियन की महिला कार्यकर्ताओं की पुलिस से भिड़ंत हुई। बैरिकेडिंग हटाकर किसान यूनियन की महिला कार्यकर्ता सड़कों पर उतरीं।