आरयू इंटरनेशनल डेस्क।
भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी के बीच अमेरिका के दो वरिष्ठ परमाणु विशेषज्ञों ने दावा किया है कि भारत अपने न्यूक्लियर सिस्टम को आधुनिक करने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारत का ध्यान पहले पाकिस्तान पर केन्द्रित था, लेकिन अब लग रहा है कि इसका जोर कम्युनिस्ट देश की ओर ज्यादा है।
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ऑनलाइन पत्रिका’आफटर मिडनाइट ‘ में प्रकाशित एक लेख यह भी दावा किया गया है कि भारत अब एक ऐसी मिसाइल बना रहा है, जो कि दक्षिण भारत के अपने बेस से पूरे चीन को निशाना बनाकर सफाया कर सकती है। लेख में हांस एम क्रस्टिेंसेन और रॉबर्ट एस नोरिस ने लिखा है कि अनुमान है कि भारत 150 से 200 परमाणु आयुध बनाने के लिए पर्याप्त प्लूटोनियम संवर्द्धन कर चुका है, लेकिन उसने 120 से 130 परमाणु आयुध का ही निर्माण किया है।
दोनों विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत के पास सात परमाणु सक्षम प्रणाली है। इनमें दो विमान, जमीन से संचालित होने वाली चार बैलेस्टिक मिसाइल और समुद्र से मार करने में सक्षम एक बैलेस्टिक मिसाइल है। लेख में कहा है कि कम से कम चार और प्रणालियों पर काम चल रहा है। उन्हें तेजी से विकसित किया जा रहा है। उनके अलगे दशक तक तैनात होने की संभावना है।
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गौरतलब है कि अमेरिकी विशेषज्ञों की ये बातें इस समय इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अभी हाल ही में भारत ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि अब उसकी स्थिति 1962 वाली नहीं है। इसके जवाब में चीन ने भी कहा था कि वह भी 1962 वाली ही स्थिति नहीं रखता और अपनी तकनीक का और अधिक विस्तार कर चुका है।