आरयू ब्यूरो
नई दिल्ली। पीएम मोदी की कैबिनेट बैठक में आज कई अहम फैसले लिए, जिसमें वीआईपी की गाडि़यों पर लालबत्ती का इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। खास बात तो यह है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लालबत्ती का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इस नियम का पालन 1 मई मजदूर दिवस से किया जाना तैय हुआ है।
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1 मई से अधिकारियों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और जजों की कारों पर लालबत्ती का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया गया है। आमतौर पर वीआईपी रूट के दौरान लालबत्ती देख पुलिस बैरिकेट्स लगा कर कई जगह का ट्रैफिक रोक देती है, जिसकी वजह से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आमजन की समस्याओं को देखते हुए ही लालबत्ती बैंन कर दी गई है।
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वहीं नीली बत्ती का इस्तेमाल केवल आपातकालीन वाहनों को करने की अनुमति दी गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात की जानकारी देने से पहले ही खुद की कार से लालबत्ती हटा दी थी। वहीं मोदी सरकार इस फैसले से यह संकेत देना चाहती है कि उसके मंत्री वीआईपी कल्चर से दूर रहेंगे। इसके लिए मजदूर दिवस का दिन चुना गया है।
बता दें कि पीएम के इस फैसले से पूर्व ही पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लालबत्ती का इस्तेमाल पहले ही छोड़ चुके हैं। सूत्रों की माने तो सड़क परिवहन मंत्रालय में लम्बे समय से इस मुद्दे पर काम चल रहा था।
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प्रधानमंत्री कार्यालय में लगभग डेढ़ साल से लंबित था। यहां तक कि पीएमओं ने इस चर्चा पर बैठक तक बुलाई थी, जिसमें कैबिनेट सेक्रटरी सहित कई बड़े अधिकारियों से चर्चा की थी।
इस पूरे मामले में यह विकल्प दिया गया था कि संवैधानिक पदों पर बैठे 5 लोगों को ही इसके इस्तेमाल का अधिकार हो, जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर शामिल किए गए थे। हालांकि पीएम मोदी ने इन में से किसी को भी रियायत न देने का फैसला किया है।