विरासत टैक्स पर मायावती ने कहा, कांग्रेस को दागदार विरासत से मुक्ति मिलना मुश्किल

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को कांग्रेस हाईकमान के करीबी नेता सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा के बयान पर आपत्ति जताई है। साथ ही मायावती ने कांग्रेस की विरासत को दागदार बताते हुए कहा उसे दागदार विरासत से मुक्ति मुश्किल है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस इस प्रकार के मुद्दे अपने गरीबी हटाओ नारे की विफलता से ध्यान हटाने के लिए आगे ला रही है।

गुरुवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर मायावती ने सिलसिलेवार पोस्ट कर कांग्रेस हाईकमान पर भी सवाल उठाए हैं। अपने पोस्ट में बसपा मुखिया ने कहा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा भारत में धन के वितरण की आड़ में, अमेरिका की तरह, निजी सम्पत्ति पर ’विरासत टैक्स’ की सोच व उसकी पैरवी गरीबों की भलाई का कम व राजनीति से प्रेरित इनकी ’गरीबी हटाओ’ की चर्चित विफलता पर से लोगों का ध्यान बांटने का चुनावी प्रयास ज्यादा लगता है।

वहीं अपने दूसरे पोस्ट में मायावती ने कहा जहां तक भारत में सम्पत्ति व सरकारी भूमि वितरण आदि से जुड़े मामलों में दलितों व वंचितों के लिए न्याय का सवाल है तो इनकी सरकारों की सही नीयत के अभाव के कारण यहां गरीबी, पिछड़ापन, पलायन की विवशता अदि दूर नहीं हो पायी। कांग्रेस को उसकी ऐसी दागदार विरासत से मुक्ति मुश्किल।

बता दें कि सैम पित्रोदा ने अमेरिका के ‘विरासत कर’ वाली व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा था कि, ‘‘अमेरिका में विरासत कर लगता है। अगर किसी के पास दस करोड़ डॉलर की संपत्ति है और जब उसकी मृत्यु हो जाती है तो इसमें से केवल 45 फीसदी उसके बच्चों को मिल सकता है। शेष 55 प्रतिशत संपत्ति सरकार के पास चली जाती है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘ भारत में ऐसा कानून नहीं है। अगर किसी की संपत्ति दस अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को दस अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता।

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लोगों को इस तरह के मुद्दों पर चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि अंत में निष्कर्ष क्या होगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं, न कि केवल अति-अमीरों के हित में हैं।

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