आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भाई आनंद और भतीजे आकाश को बसपा में मजबूती से इंट्री देने व सपा से गठबंधन तोड़ने का मायावती द्वारा पूरी तरह से ऐलान करने के बाद सोमवार को भाजपा ने बसपा सुप्रीमो पर तीखा हमला बोला हे। बीजेपी ने कहा कि मायावती का परिवारवादी चेहरा बेनकाब हो गया है। साथ ही कहा है कि मायावती का इतिहास विश्वासघात से भरा है, ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनसे हाथ मिलाने से पहले सौ बार सोचना चाहिए था।
आज अपने एक बयान में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने हाल के राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी ने बसपा-सपा गठबंधन को लेकर पहले ही कहा था कि यह अवसर परस्त महज चुनावी गठबंधन है। जिस मायावती ने दलितों के नाम पर वोट लेकर दलितों को ही हाशिये पर रखा वो अपने परिवार के सिवा और किसी की कैसे हो सकती हैं? बहन जी का इतिहास विश्वासघात का रहा है।
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अखिलेश यादव पर तंज के साथ ही नसीहत भरे लहजे में प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद को समाजवाद कहने वाले अखिलेश यादव को स्वार्थपरकता व अवसरवादी राजनीति के लिए मायावती से हाथ मिलाने से पहले सौ बार सोचना चाहिए था कि जिस भाजपा ने मायावती की जान व सम्मान बचाई, जिसे रजनीति में स्थापित करते हुये मुख्यमंत्री बनाया, जब वो उसकी नहीं हुयीं तो कुनबे की राजनीति करने वाले सपा की भी नहीं होंगी।
अखिलेश ने पिता मुलायम सिंह और चाचा शिवपाल को दिया था धोखा
सपा अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए हरिशचन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि जैसी करनी होती है, वैसी ही भरनी होती है। सत्ता के लिये अखिलेश ने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल को धोखा दिया था और इसकी सजा उन्हें मायावती से विश्वासघात के रूप में मिली। उन्होंने कहा कि मायावती और अखिलेश की कार्यशैली एक है। दोनों को परिवारवाद, वंशवाद और भ्रष्टाचार की सत्ता चाहिए। इसलिए इन दोनों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप हास्यप्रद है।
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हमला जारी रखते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बसपा को अपने भाई और भतीजे के साथ फैमिली कंपनी बनाने वाली मायावती ने दलितों का वोट लेकर दलितों को बर्बाद करने में कसर नहीं छोड़ी। बंगाल, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश में दलितों पर अत्चायार बढ़ गये हैं, लेकिन मायावती उन दलितों के लिये आवाज नहीं उठाती हैं, क्योंकि उन्हें दलित हित से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें केवल भाजपा शासित राज्यों की सरकारों पर झूठे आरोप लगाकर अपनी राजनीति चमकानी है।