आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में रविवार को देशभर के प्रदेश अध्यक्ष, संसद, कोआरर्डीनेटर और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उनके भाई आनंद व भतीजा आकाश भी शामिल हुए। इस दौरान मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया है तो भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। हालांकि इसकी पार्टी की ओर से अभी अधिकृत रूप से घोषणा नहीं की गई है।
इस तरह आकाश आनंद की बसपा में आधिकारिक एंट्री हो गई है। देश के सभी राज्यों में पार्टी को मजबूत करने के लिए आकाश आनंद को अहम जिम्मेदारी दी गई। बसपा कैडर में कोऑर्डिनेटर का सबसे बड़ा पद माना जाता है। ऐसे में मायावती ने इस फैसले से साफ कर दिया है कि पार्टी में उनके अपनों की दखल बढ़ने वाली है। राज्य कार्यालय में पार्टी की अखिल भारतीय बैठक का आयोजन किया गया। मीटिंग में भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाने, यूपी में 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की रणनीति के साथ ही कई अहम बातों पर चर्चा की गई और फैसले लिए गए।
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बसपा सुप्रीमो ने पार्टी संगठन की मजबूती और 2007 की तरह भाईचारा के आधार पर जनाधार को व्यापक बनाने पर जोर दिया। पार्टी संगठन का काम, जो लोकसभा चुनाव के कारण रुक गया था, उसे गति प्रदान करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए और अखिल भारतीय बैठक के बाद विभिन्न राज्यों की अलग-अलग बैठक करके उन्हें आगे की तैयारी और संगठन में आवश्यक फेरबदल के निर्देश दिए।
विधानसभा आमचुनाव वाले राज्य खासकर हरियाणा व महाराष्ट्र के लिए अलग से बैठक में काफी विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा उन्होंने बीएसपी के नवनिर्वाचित सांसदों को निर्देश दिया कि वे व्यापक जनहित और देशहित के मामलों पर संसद में अपनी सार्थक भूमिका निभाएं। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र की जनता की सेवा में कोई कोर-कसर ना छोड़ें। यही निर्देश उन्होंने पार्टी विधायकों को भी दिया।
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गौरतलब है कि मायावती की बैठक सुबह दस बजे से थी, लेकिन पार्टी के सभी नेता सुबह नौ बजे बैठक स्थल पर पहुंच गए। यहां पर इस बार एक खास बात नजर आई कि बैठक से पहले सारे नेताओं के मोबाइल फोन जमा करा लिए गए। यहां तक कि उनके जूते-चप्पल, पेन, पर्स, बैग और गले में पड़े ताबीज तक उतरवाकर मीटिंग हॉल में अंदर जानें दिया गया।
जानें बैठक की खास बातें-
बसपा की यह अहम मीटिंग में यूपी 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले हुई है। इनमें पांच सीटें वेस्ट यूपी की हैं। इन 13 में से 11 सीटें बीजेपी के पास थीं। वेस्ट यूपी की गंगोह (सहारनपुर), इगलास (अलीगढ़), रामपुर, टूंडला, चार विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जो विधायकों के एमपी बनने से खाली हुई हैं। उधर, मीरापुर (मुजफ्फरनगर) के बीजेपी विधायक अवतार सिंह भड़ाना त्यागपत्र देकर कांग्रेस में शामिल होने से यह सीट खाली हुई है।
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इसके अलावा गोविंदनगर (कानपुर), कैंट (लखनऊ), जैदपुर (बाराबंकी), मानिकपुर (चित्रकूट), बलहा (बहराइच), प्रतापगढ़, जलालपुर (आंबेडकरनगर) और हमीरपुर सीटों के लिए उपचुनाव होना हैं। हमीरपुर सीट से बीजेपी विधायक अशोक सिंह चंदेल को कोर्ट ने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई, जिसके बाद उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इस सीट पर भी उपचुनाव होना है।