परिजनों को सांत्वना देकर बोले राजबब्‍बर, योगी सरकार की एनकाउंटरवादी आवधारणा का नतीजा है विवेक तिवारी की हत्‍या, सीएम दें इस्‍तीफा

एनकाउंटरवादी आवधारणा
विवेक तिवारी के परिजनों को दिलासा देते राजबब्बर।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। लखनऊ पुलिस की गोली से जान गंवाने वाले एप्‍पल के एरिया सेल्‍स मैनेजर विवेक तिवारी के आवास पर रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष राजबब्बर पहुंचें। राजबब्‍बर ने विवेक तिवारी के परिजनों से शोक संवेदना व्यक्‍त कर परिवार को सांत्वना देते हुए ढांढस बंधाया। साथ ही राजबब्‍बर ने दुःख की इस घड़ी में कांग्रेस के हमेशा परिवार के साथ खड़े रहने एवं हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया।

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए राजबब्‍बर ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोलने के साथ ही इस हत्‍या के लिए साधे तौर पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को जिम्‍मेदार ठहराते हुए उनसे इस्‍तीफे की मांग की। राजबब्‍बर ने तर्क देते हुए कहा कि योगी सरकार ने अपराध नियंत्रण के नाम पर जिस एनकाउंटरवादी अवधारणा का विकास किया है, ये हत्‍या उसी अवधारणा का व्यवहारिक नतीजा है।

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गृहमंत्री और सूबे की राजधानी का ये हाल तो…

हमला जारी रखते हुए राजबब्‍बर बोले कि लखनऊ सूबे की राजधानी होने के साथ ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह का संसदीय क्षेत्र भी है। जब यहां पर कानून-व्यवस्था का यह हाल है तो प्रदेश के अन्य जिलों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा असानी से लगाया जा सकता है। आज पूरा प्रदेश भय के वातावरण में जीने के लिए मजबूर है।

जनता में भय का माहौल

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यूपी की कानून-व्यवस्था इतनी बिगड़ चुकी है कि आम आदमी का जीवन सुरक्षित नहीं रह गया है। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की नाक के नीचे हत्याएं हो रही हैं। इस दर्दनाक घटना से आम जनता में भय का माहौल व्याप्त हो गया है।

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उन्‍होंने आगे कहा कि लगता है सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। पुलिस पूरी तरह निरंकुश हो गयी है और सरकार का उस पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। यही कारण है कि एक सिपाही द्वारा जिम्मेदार शहरी को गोली का निशाना बनाकर उसके परिवार को अनाथ कर दिया गया। उसके बाद भी पुलिस के अधिकारी सिपाही को बचाने में लगे रहें और सिपाही थाने में ही खड़ा होकर हाथ-पैर चलाता है, इन बातों से साफ है कि पुलिस मामले का दूसरा रूख देना चाहती है।

परिवार की मांग पूरी करे सरकार

वहीं राजबब्‍बर ने सरकार की ओर से की गयी सहायता के आश्‍वासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने 25 लाख रुपए की सहायता की बात कही है, लेकिन विवेक तिवारी की सालाना आमदनी ही 33 लाख रूपये थी ऐसे में सरकार को कम से कम परिवार ने जो धनराशि की मांग की है उसे अविलंब पूरा करना चाहिए।

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यहां बताते चलें कि विवेक तिवारी की पत्‍नी ने शनिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजे समेत अन्‍य मांगे की थी, लेकिन देर रात जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मीडिया को बताया था कि परिजन 25 लाख रुपए के मुआवजे की बात पर मान गए हैं। हालांकि आज भी उनकी पत्‍नी की ओर से एक करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान करने की बात कही जाती रही।

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