आरयू वेब टीम।
प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने शुक्रवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इंफाल में कहा कि जिस मणिपुर को, जिस नॉर्थ ईस्ट को नेताजी ने भारत की आजादी का गेटवे बताया था, उसको अब न्यू इंडिया की विकास गाथा का द्वार बनाने में हम जुटे हुए हैं। जहां से देश को आजादी की रोशनी दिखी थी, वहीं से नए भारत की सशक्त तस्वीर आप सभी की आंखों में स्पष्ट दिखाई दे रही है।
पीएम ने कहा कि मणिपुर हर पैमाने पर आज विकास के रास्ते पर चल रहा है। स्वच्छ भारत अभियान में भी मणिपुर ने खुद को खुले में शौच से मुक्त कर दिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने यहां शिक्षा, स्किल और स्पोर्ट्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास करने के साथ ही धनमंजूरी विश्वविद्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज से जुड़े प्रोजेक्ट जैसी सुविधाओं को युवाओं को देने का ऐलान किया।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कनेक्टिविटी के साथ-साथ यहां की बिजली व्यवस्था को भी सशक्त किया जा रहा है। आज ही 400 केवी की सिल्चर इंफाल लाइन को भी राष्ट्र को समर्पित किया है। सात सौ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी ये लाइन पावर कट की समस्या को दूर करेगी।
वहीं अपनी सरकार में हुए काम की तुलना पिछली सरकारों से करते हुए मोदी ने कहा कि दोलाईथाबी बराज की फाइल 1987 में चली थी, निर्माण का काम 1992 में 19 करोड़ की लागत से शुरू हुआ था, 2004 में इसको स्पेशल इक्नॉमिक पैकेज का हिस्सा बनाया गया, लेकिन फिर लटक गया 2014 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरु हुआ और ये प्रोजेक्ट 500 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद अब बनकर तैयार है।
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मोदी ने आगे कहा कि नॉर्थ ईस्ट परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है। 30-40 साल से अटके हुए प्रोजेक्ट्स पूरे किए जा रहे हैं। मैं खुद बीते साढ़े चार साल में करीब 30 बार नॉर्थ ईस्ट आ चुका हूं। आपसे मिलता हूं, बातें करता हूं तो एक अलग ही सुख मिलता है, अनुभव मिलता है। मुझे अफसर से रिपोर्ट नहीं मांगनी पड़ती, सीधे आप लोगों से मिलती है। ये फर्क है पहले और आज में।
पूर्व की सरकार को निशाने पर लेते हुए मोदी ने जनता से कहा कि आप सभी साक्षी रहे हैं कि नॉर्थ-ईस्ट के साथ बीते दशकों में पहले की सरकारों ने क्या किया। उनके रवैये ने दिल्ली को आपसे और दूर कर दिया था। पहली बार अटल जी की सरकार के समय, देश के इस अहम क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जाने की पहल हुई थी। हम दिल्ली को आपके दरवाजे तक ले आए हैं।
इस दौरान मोदी ने कहा कि गो टू हिल्स और गो टू विलेज के तहत यहां की राज्य सरकार दूर दराज के इलाकों तक पहुंच रही है। यही वजह है कि आज मणिपुर बंद और ब्लॉकेड के दौर से बाहर निकलकर आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटा है। चुराचांदपुर, जोन-थ्री प्रोजेक्ट पर भी 2014 में काम शुरू हुआ और चार वर्ष बाद आज लोकार्पण भी हो गया। इससे 2031 तक यहां की आबादी की पानी की जरूरतें पूरी होंगी। उखरुल और उसके आसपास के हजारों परिवारों की पानी की जरूरतों को देखते हुए 2015 में बफर वाटर रिजर्वियर पर काम शुरू हुआ, जिसका काम अब पूरा हो गया है और आज इसका लोकार्पण किया गया। ये प्रोजेक्ट 2035 तक की जरूरतों को पूरा करने वाला है।