आरयू वेब टीम। दिल्ली एनसीआर के बहुचर्चित यमुना एक्सप्रेस-वे घोटाला मामले की जांच का जिम्मा अब सीबीआइ को सौंप दिया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता और 20 अन्य को नामजद किया है।
इस संबंध में अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि एजेंसी ने उत्तर प्रदेश सरकार की अनुशंसा के अनुरूप यह कदम उठाया है। सरकार ने यमुना एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए मथुरा में बड़ी जमीनों की खरीद में हुई 126 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की जांच करने को कहा है।
यह भी पढ़ें- मैनपुरी सड़क हादसे के घायलों का हाल जाननें अस्पाताल पहुंचे अखिलेश, कहा एक्सप्रेस-वे पर रफ्तार के नियमों का नहीं हो रहा पालन
साथ ही अधिकारियों ने ये भी बताया कि राज्य सरकार का आरोप है कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेसवे के लिए मथुरा के सात गांवों में 85 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी थी, जिससे राज्य सरकार को 126 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
यह भी पढ़ें- घोटालेबाजों ने गायब कर दी जनेश्वर पार्क की फाइलें, जांच रूकी तो एलडीए ने तीन प्राधिकरणों से तलब किए इंजीनियर
यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ यूपी राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) की वित्तीय जांच (ऑडिट) नियंत्रक एवं लेखा महारीक्षक (सीएजी) से कराने का फैसला 2017 में लिया था। औद्योगिक विकास विभाग ने इस संबंध में सीएजी के अकाउंटेंट जनरल को पत्र भेजा था।