आरयू एक्सक्लूसिव,
लखनऊ। अफसरों की ढिलाई के चलते लखनऊ विकास प्राधिकरण में फाइलों के गायब होने और उनके साथ मनमानी का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। फाइलों से जुड़ें पिछले मामले अभी हल भी नहीं हुए थे कि 400 करोड़ की लागत से तैयार हुए जनेश्वर मिश्र (जेएम) पार्क के घोटाले की जांच के बीच ही बेखौफ घोटालेबाजों ने महत्वपूर्ण फाइलें गायब कर दी हैं।
काफी खोजबीन के बाद भी फाइलें नहीं मिलने की वजह से पार्क में हुई मनमानी और घोटालों की जांच कर रहे मुख्य प्राविधिक परीक्षक ग्राम्य विकास की जांच रूक गयी है। जिस पर एलडीए सचिव ने मेरठ, इलाहाबाद और गोरखपुर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर पूर्व में जेनश्वर पार्क का काम देखने वाले दो आधिशासी अभियंता समेत एक जूनियर इंजीनियर को 26 से 28 मार्च तक एलडीए पहुंचकर फाइलें उलब्ध कराने को कहा है।
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पिछले दिनों भेजे गए एलडीए के पत्र के बाद मंगलवार को इंजीनियरों ने एलडीए पहुंचकर अधिकारियों और वर्तमान में जनेश्वर पार्क का काम देख रहें इंजीनियरों से मुलाकात की है। हालांकि उन्होंने फाइलें दी या नहीं अभी इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।
इन इंजीनियरों के लिए भेजा गया प्राधिकरणों को पत्र-
- मेरठ विकास प्राधिकरण में तैनात अधिशासी अभियंता, एके सिंह,
- एलडीए से इलाहाबाद विकास प्राधिकरण भेजे गए एक्सईएन, रोहित खन्ना,
- गोरखपुर विकास प्राधिकरण में तैनात जेई अजय कुमार।
इनकी होनी हैं जांच-
सीसीटीवी कैमरें, डेकोरेटिव पोल, हाई मॉस्क, झण्डा, एलसीडी टीवी, झूले, गंडोला और पैडल बोट समेत विधुत यांत्रिक से जुड़ें अन्य दूसरे काम।
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दो बार पहले भी हो चुकी है जांच
बताते चलें कि योगी सरकार बनने के बाद ही जनेश्वर पार्क की दो बार पहले ही जांच हो चुकी है। सबसे पहली जांच करने पहुंचे योगी सरकार के राज्य मंत्री सुरेश पासी ने मीडिया के सामने सीधे तौर पर पार्क में 40 करोड़ के काम को 400 करोड़ रुपए में कराने का एलडीए के इंजीनियर और अधिकारियों पर आरोप लगाया था।
वहीं बाद में पीडब्लूडी की टीम ने भी जनेश्वर पार्क की जांच की थी। हालांकि करीब साल भर बीतने के बाद दोनों ही जांच अंजाम तक नहीं पहुंची। वहीं पिछले दिनों शासन के निर्देश पर ग्राम्य विकास के मुख्य प्राविधिक परीक्षक ने एक बार फिर से जनेश्वर पार्क की जांच शुरू की है।
नहीं मिली फाइल तो एलडीए दर्ज कराएगा मुकदमा
एलडीए सचिव एमपी सिंह ने बताया कि इंजीनियरों को बुलाया गया था। आज उनसे मुलाकात नहीं होने की वजह से फाइलें कहां हैं ये अभी पता नहीं चल सका है। फाइलों के नहीं मिलने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति की जिम्मेदारी तय करते हुए उसके खिलाफ एलडीए मुकदमा दर्ज करवाएगा।
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