आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान हनुमान को दलित बताए जाने पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोग सीएम के बयान पर सवाल तो उठा ही रहे थे। वहीं अब राजधानी लखनऊ में इस बयान को लेकर दलित उत्थान सेवा समिति के लोगों ने एक बड़ी मांग कर दी है। समिति ने हनुमान मंदिरों में दलित पुजारी के नियुक्त करने की शनिवार को मांग उठाकर योगी आदित्यनाथ को अपने बयान पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।
सीएम के बयान के बाद आज दलित उत्थान सेवा समिति के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री राजबहादुर के नेतृत्व में हजरतगंज स्थित हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ किया।
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पूजा-अर्चना के बाद हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए हुए समिति के लोगों ने इस दौरान हनुमान मंदिर को अपना बताते हुए प्रदर्शन भी किया। दलित समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हुए कहा कि हनुमान जी दलित है तो उनके जितने भी मंदिर हैं, वहां की न सिर्फ व्यवस्था दलितों को संभालने के लिए दी जाए, बल्कि हनुमान मंदिर में पुजारी भी दलित नियुक्त हो।
समिति के अध्यक्ष नरेंद्र गौतम ने बताया कि इस दौरान विजय बहादुर, डॉ. लालती देवी, सिद्धिश्री, नरेश बाल्मीकि, सुरजीत सिंह बरनाला, हरिओम कठेरिया, सुनीता रावत, प्रदीप कनौजिया, सुशीला सोनकर, सरलेस रावत, धर्मेंद्र रावत, अशोक कुमार, सुशील बाल्मीकि, होरीलाल, सचिन रावत समेत दलित समाज के अन्य लोग मौजूद रहे।
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