सोनभद्र नरसंहार: योगी की बड़ी कार्रवाई, DM व SP हटे, जांच भी होगी, हेलीकॉटर से सोनभद्र पहुंचें नए अधिकारियों ने संभाला चार्ज

सोनभद्र डीएम एसपी
मुख्य सचिव व डीजीपी के साथ प्रेसवार्ता करते सीएम योगी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी समेत देशभर को हिला कर रख देने वाले सोनभद्र नरसंहार कांड मामले में रविवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। सीएम ने सोनभद्र कांड में तीन महिलाओं समेत दस लोगों की हत्‍या व करीब दो दर्जन लोगों के घायल होने के दौरान वहां तैनात रहे डीएम अंकित कुमार अग्रवाल और एसपी सोनभद्र सलमान ताज पाटिल को हटा दिया है। आठ राजपत्रित और सात अराजपत्रित अधिकारियों समेत कुल 15 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

मुख्‍यमंत्री ने ये कार्रवाई जांच रिपोर्ट आने के बाद की है। साथ ही विभागीय जांच और कार्रवाई के लिए भी सीएम ने निर्देश दिया है। आज इसकी जानकारी मुख्‍यमंत्री ने खुद ही अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक प्रेसवार्ता के माध्‍यम से मीडिया को दी।

दूसरी ओर आज ही आदेश मिलने पर एस. राम लिंगम को सोनभद्र का नया डीएम, जबकि प्रभाकर चौधरी को एसपी बनाया गया है। मुख्‍यमंत्री ने सोनभद्र के दोनों नए वरिष्‍ठ अधिकारियों को चार्ज संभलाने के लिए हेलिकॉप्‍टर से सोनभद्र भिजवाया। जहां पहुंचकर डीएम व एसपी ने अपना चार्ज भी ग्रहण कर लिया है।

सोनभद्र डीएम एसपी
सोनभद्र के नए एसपी व डीएम।

योगी ने मुख्‍य सचिव अनूप चंद्र पांडेय व डीजीपी ओपी सिंह के साथ प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि बीती 17 जुलाई को सोनभद्र के घोरावल थाना व तहसील के ग्राम उम्‍भा में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी। इसके बाद उन्‍होंने 21 जुलाई को मुख्‍य सचिव और डीजीपी के साथ उम्‍भा गांव का दौरा किया था।

सीएम ने विपक्षी दलों को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि सोनभद्र का विवाद कांग्रेस के समय में शुरू हुआ था। 1955 में जमीन की हेराफेरी की गई थी। मामले में सपा व कांग्रेस के नेता शामिल थे। मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि मामले में एसआईटी गठित की गई है। जो भी दोषी है उसे बख्शा नहीं जाएगा।

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साथ ही उन्‍होंने कहा कि घटना के बाद विभिन्‍न बिन्‍दुओं को जानने के लिए एक कमिटी अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, जबकि दूसरी कमेटी एडीजी वाराणसी जोन के नेतृत्‍व में गठित की गयी थी। दोनों ही कमेटियों की रिपोर्ट शनिवार की शाम उनको मिल गयी थी। रिपोर्ट के व्यापक परीक्षण के बाद अब कार्रवाई भी सरकार के स्तर शुरू कर दी गयी है।

वहीं डीआइजी एसआइटी रवींद्र गौड़ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एसआइटी गठित कर दोषियों पर एफआइआर दर्ज करने व कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। एसआइटी में अपर पुलिस अधीक्षक अमृता मिश्रा व तीन पुलिस इंस्पेक्टर को विवेचना के लिए शामिल किया गया है। इसके अलावा सहायक अभिलेख अधिकारी सोनभद्र राजकुमार, उप जिलाधिकारी घोरावल विजय प्रकाश तिवारी पर एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है।

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मामले में क्षेत्राधिकारी घोरावल अभिषेक सिंह, उपनिरीक्षक लल्लन प्रसाद यादव, अरविंद कुमार मिश्र व बीट आरक्षी सत्यजीत यादव के खिलाफ भी गृह विभाग द्वारा अनुशासनिक जांच का शुरू कर दी गई है। वहीं पूर्व के जो भी अधिकारी व कर्मचारी इस मामले में संलिप्‍त पाए जाएंगे और अगर वो जिंदा हैं तो सबके खिलार्फ कार्रवाई की जाएगी।

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