आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को योगी की कैबिनेट ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की राह आसान कर दी है। योगी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 12 हजार करोड़ का कर्ज बैंकों से लेने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी है। इस कर्ज के लिए सरकार की गारंटी भी रहेगी। कैबिनेट की बैठक में आज प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई।
इस परियोजना को पूरा करने के लिए तीन साल का समय निर्धारित है, लेकिन योगी सरकार ने तय किया है कि अधिकतम 24 से 26 माह में इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट में डिफेंस पॉलिसी समेत छह अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट मीटिंग के बाद ऊर्जा मंत्री और योगी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने लोकभवन में आयोजित एक प्रेसवार्ता में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि एक्सप्रेस-वे के लिए वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने से इसे गति मिलेगी और परियोजना से होने वाले रोजगार सृजन संबंधी कार्यों में भी तेजी आएगी। इस दौरान मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पाण्डेय भी मौजूद रहें, ये उनकी पहली कैबिनेट मीटिंग थी।
वहीं इस महत्वपूर्ण फैसले की जानकारी विस्तार से देते हुए प्रमुख सचिव सूचना, पर्यटन एवं यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 12 हजार करोड़ का कर्ज सिविल के निर्माण के कामों के लिए लिया जाना है। राज्य सरकार ने इस बात की शासकीय गारंटी दी है कि यूपीडा के द्वारा इस कर्ज की ब्याज और मूलधन नहीं चुकाए जाने पर राज्य सरकार अदा करेगी। उसने इसके लिए सहमति पत्र (लेटर आफ कम्फर्ट) दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि टोल से मिलने वाली धनराशि के जरिए यूपीडा द्वारा कर्ज की अदायगी की जाएगी, लेकिन जब तक टोल नहीं लिया जाएगा तब तक यानी करीब तीन साल तक ब्याज राज्य सरकार द्वारा अदा किया जाएगा। इस फैसले से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए पर्याप्त धनराशि हो जाएगी। इन 12 हजार करोड़ रुपये में से बैंक ने 7,800 करोड़ का लोन मंजूर कर दिया है। इतना ही नहीं एक्सप्रेस-वे के लिए औसत 90 प्रतिशत जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। अधिग्रहीत जमीन पर 11,800 पिलर भी लगा दिए गए हैं, जिससे जमीन चिन्हित है।
इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी-
एक्सप्रेस-वे के साथ ही कैबिनेट में डिफेंस पॉलिसी समेत छह अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018 को मंजूरी मिलने के बाद बुंदेलखंड में प्रस्तावित डिफेंस कॉरीडोर को जल्द ही वास्तविकता के धरातल पर उतारा जाएगा।
वहीं बुंदेलखंड के विकास के लिए इस परियोजना के तहत पांच वर्ष में 50 हजार करोड़ रुपए निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
इलाहाबाद के कुछ भूखंड स्मार्ट सिटी मिशन को देने का फैसला।
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खनिज विकास निगम को खत्म करने के प्रस्ताव पर भी लगी कैबिनेट की मुहर।
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वहीं कैबिनेट के आज के फैसले के बाद अब मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियों को भी खाते में मिलेगा मकान का पैसा।