आरयू ब्यूरो,लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नोएडा स्थित शूटिंग रेंज का नाम बदलकर अब चंद्रो तोमर के नाम पर रखे जाने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
ये फैसला उस मांग को ध्यान में रखकर लिया गया है, जिसमें जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की थी कि नोएडा स्टेडियम शूटिंग रेंज का नाम दिवंगत चंद्रो देवी तोमर के नाम पर रखा जाए।
बता दें, शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर (89) की 30 अप्रैल को मेरठ के एक अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई थी। चंद्रो देवी तोमर का जन्म यूपी के शामली में 10 जनवरी 1932 में हुआ था। वो बागपत के जौहड़ी गांव में रहती थीं। चंद्रो तोमर और उनकी भाभी प्रकाशी तोमर ने 60 साल की उम्र में निशानेबाजी शुरू की और 30 राष्ट्रीय चैंपियनशिप अपने नाम की। चंद्रो तोमर को विश्व का सबसे अधिक उम्र का निशानेबाज माना जाता था।
चंद्रो तोमर ने 1999 में पोती शेफाली तोमर ने शूटिंग सीखना शुरू किया था। इसके लिए उसने जौहड़ी राइफल क्लब में एडमिशन लिया। यह क्लब लड़कों का था, इसलिए शेफाली वहां अकेले जाने से डरती थीं। उसे हौसला देने के लिए दादी चंद्रो उसके साथ गईं। वहां पहुंचने पर जब शेफाली पिस्तौल में छर्रे नहीं डाल पाई तो उसे सिखाने के लिए दादी चंद्रो ने उसमें छर्रे डाले, शूटिंग पोजिशन ली और लक्ष्य पर निशाना लगा दिया। उस वक्त उन्होंने एक के बाद दस लक्ष्य भेदे। शूटिंग में उसे ‘बुल्सआई’ कहते हैं यानी की ‘सांड़ की आंख’।
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चंद्रो तोमर का निशाना देखकर कोच ने उन्हें शूटर बनने की सलाह दी। हालांकि, घरवालों की अनुमति न मिलने के डर से दादी चंद्रो इसके लिए राजी नहीं हुईं। फिर बच्चों ने उन्हें शूटर बनने की हिम्मत दी, जिसके बाद दादी चंद्रो तोमर का शूटर दादी बनने का सफर शुरू हुआ। कुछ दिनों बाद चंद्रो से प्रेरित होकर उनकी देवरानी प्रकाशी तोमर ने भी शूटिंग की दुनिया में कदम रखने का फैसला किया। चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर को दुनिया ‘शूटर दादी’ के नाम से बुलाती है।