शराब के दाम पर वरुण गांधी का योगी सरकार से सवाल, क्‍या ‘रामराज्य’ में नहीं है राजस्व बढ़ाने का इससे बेहतर विकल्प

रामराज्य में राजस्व

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भाजपा सांसद वरुण गांधी समय-समय पर योगी सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठाते रहते हैं। वरुण गांधी ने अब शराब से आमदनी के प्रचार पर योगी सरकार को घेरा है। सांसद ने गुरुवार को योगी सरकार से तीखा सवाल करते हुए कहा कि करोड़ों परिवार उजाड़ने वाली शराब का ‘राजस्व वृद्धि’ के लिए प्रचार किया जाना दुखद है। क्या ‘रामराज्य’ में सरकार के पास राजस्व बढ़ाने के लिए इससे बेहतर विकल्प नहीं है?

वरुण गांधी ने एक्स पर यूपी सरकार के इस फैसले की आलोचना कर कहा ”ये दुखद है कि शराब, जिसने करोड़ों परिवारों को बर्बाद कर दिया है, उसको ‘राजस्व वृद्धि’ के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। शराब का नकारात्मक प्रभाव शराबी के परिवार और महिलाओं एवं बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक पड़ता है। आगे कहा कि क्या रामराज्य में सरकार के पास राजस्व बढ़ाने का कोई बेहतर विकल्प नहीं है?

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मालमू हो कि उत्तर प्रदेश में शराब की कीमतें नहीं बढ़ेंगी। योगी सरकार नई आबकारी नीति लेकर आई थी। आबकारी आयुक्त ने नई नीति को स्पष्ट करते हुए बताया कि राजस्व बढ़ाने के लिए कई उपाय किये गये हैं। उन्होंने दावा किया कि यूपीएमएल की 42.8 डिग्री वाली शराब पांच रुपये सस्ती मिलेगी। 25 और 36 डिग्री शीरे वाली शराबों के दर में भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। यूपीएमएल की 42.8 डिग्री वाली शराब में पांच रुपये कमी आने के बाद कीमत 85 रुपये हो जाएगी।

50 हजार करोड़ से अधिक राजस्व हासिल करना योगी सरकार का टारगेट

योगी सरकार ने नई आबकारी नीति 2024-25 में 50 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा है। आबकारी आयुक्त ने कहा कि देसी शराब की विभिन्न कैटगरी को संक्षिप्त किया गया है। पहले देसी शराब की नौ श्रेणियां होती थीं। उनके दाम भी अलग-अलग होते थे। अब घटाकर चार श्रेणियों में कर दिया गया है। शराब की कीमतों में कमी करने के बावजूद राजस्व को बढ़ाने की नीति बनाई गई है।

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इसके अलावा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शराब नीति को लेकर एक अन्य फैसला लिया है, जिसके तहत अब उत्तर प्रदेश में रेलवे स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड की शराब बेची जाएगी।