उद्योगपतियों का हजारों करोड़ कर्ज माफ, लोन चुकाने को गरीब को बेचने पड़ रहें अंग, सांसद वरुण गांधी ने उठाए बीजेपी सरकार पर सवाल

उद्योगपतियों का कर्ज

आरयू ब्यूरो, लखनऊ/पीलीभीत। भाजपा सांसद वरुण गांधी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे। जहां कार्यकर्ताओं और गांवों में जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर आज फिर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। साथ ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन दिन पहले दिल्ली के एक अखबार में पढ़ा था कि यूपी के बुलंदशहर के एक किसान ने ढाई लाख रुपये का लोन चुकाने के लिए अपने शरीर के दो अंगों को बेचना पड़ा।दूसरी एक खबर छपी थी कि देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों के 70 हजार करोड़ रुपये का लोन माफ किया गया है।

सांसद बोले जिनके पास अथाह पैसा है, उनका लोन माफ किया जाता है, लेकिन जिसके पास ढाई लाख रुपये नहीं है, उनको लोन चुकाने के लिए अंग बेचने पड़ते हैं। यह कैसा भारत है। क्या गरीब का लोन माफ नहीं होना चाहिए।

भाजपा के गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा कि गरीबों को बहुत सारी सुविधाएं दिए जाने की बात कहीं जा रही, लेकिन यह सिर्फ कहने की ही बात है। हकीकत में गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है। अगर हम आम इंसान के संघर्ष को लेकर मौन हो जायेंगे, तो हमारा लोकतंत्र मौन की तरफ बढ़ जाएगा। यह सच्चाई है कि हिंदुस्तान में बराबर की व्यवस्था कभी नहीं रही है।

वरुण ने आगे कहा कि ये भी सच्चाई है, मौजूदा समय में लोगों के सपने तो बड़े हो गए हैं, लेकिन साकार करने के रास्ते बड़े नहीं हैं। यही वजह है कि देश में हिंसा बढ़ती जा रही। लोगों के बीच खाई बढ़ती जा रही है। वरुण गांधी ने कहा कि चार दिन पहले जब वह पीलीभीत आए थे तो डीएम से लोन देने वालों की सूची मांगी। सूची देखी तो पता चला कि बहुत कम लोगों को लोन दिया गया।

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इतना ही नहीं मैंने लोगों से पूछा कि क्या आप लोगों को लोन की जरूरत नहीं हैं, तो गरीबों ने बताया कि लोन की जरूरत तो है, लेकिन देता कोई नहीं है। पांच छह बार दौड़ाने के बाद रुपयों की डिमांड की जाती है। इस दौरान जनसंवाद कार्यक्रमों में सांसद ने जनसमस्याएं भी सुनी।

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