मुफ्तखोरी खत्‍म करने वाले सुशील मोदी के प्रस्‍ताव पर वरुण गांधी ने कहा, जनता पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांके, सांसदों से हो शुरूआत

वरुण गांधी

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। जनता को मुफ्त में मिलने वाली सुविधाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद राजनीतिक का बाजार इस मुद्दे पर भी गर्म है। आज जहां भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ‘देश में राजनीतिक दलों द्वारा जनता को मुफ्त उपहार देने की प्रथा पर अंकुश लगाने’ के लिए शून्यकाल नोटिस दिया। वहीं बीजेपी के ही पीलीभीत से लोकसभा सांसद वरुण गांधी ने उनकी मंशा पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा।

वरुण ने कहा कि जनता को मिलने वाली सुविधाओं पर सवाल उठाने से पहले हमें अपने गिरेबान में जरूर झांक लेना चाहिए। साथ ही वरुण ने यह भी बात कही कि मुफ्त सुविधाएं को खत्‍म करने की शुरूआत सांसद से ही होनी चाहिए।

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जनहित के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरने वाले वरुण गांधी ने आज इस बारे में ट्विट भी किया। वरुण ने अपने ट्विट में कहा है कि सुशील मोदी ने आज सदन में ‘मुफ्तखोरी की संस्कृति’ खत्म करने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है। पर जनता को मिलने वाली राहत पर उंगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबान में जरूर झांक लेना चाहिए। क्‍यों न चर्चा की शुरूआत सांसदों को  मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सभी सुविधाएं खत्म करने से हो?

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…वादे क्या ऐसे पूरे होंगे?

वहीं लगातार महंगे होते गैस सिलें‍डरों के मुद्दे पर भी वरुण ने मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। बीजेपी सांसद ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा हे कि पिछले पांच सालों में 4.13 करोड़ लोग एलपीजी की सिंगल रीफ़िल का खर्च नहीं उठा सके, जबकि 7.67 करोड़ ने सिर्फ एक बार ही सिलेंडर भरवाया।

हमला जारी रखते हुए वरुण ने कहा कि घरेलू गैस की बढ़ती कीमतें और  नगण्य सब्सिडी के साथ गरीबों के ‘उज्जवला के चूल्हे’ बुझ रहे हैं। “स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” देने के वादे क्या ऐसे पूरे होंगे?

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